समलैंगिकता पर कानून बनने से समाज में पैदा होगी विकृतियां
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : विश्व हिंदू परिषद ने समलैंगिकता पर कानून बनाने का विरोध किया है। कहा कि भारत में इस तरह का कानून बनाना ठीक नहीं है। समलैंगिक विवाह को कानूनी रूप से मान्यता दिए जाने से समाज में विकृतियां पैदा हो जाएगी।
समलैगिक विवाह को लेकर कानून न बनाए जाने को लेकर विहिप ने उपजिलाधिकारी प्रमोद कुमार के माध्यम से मुख्य न्यायाधीश को ज्ञापन भी भेजा है। विहिप के कार्यकारी जिलाध्यक्ष दीपक गौड़ ने मुख्य न्यायाधीश से समलैंगिकता पर कानून न बनाए जाने की मांग की है। कहा कि भारत विभिन्न धर्मों व जातियों का देश है। देश में पहले से ही जैविक पुरूष व महिला के मध्य विवाह को मान्यता दी गई है। इसके अलावा सभी धर्मों में भी विपरीत लिंग के दो लोगों के विवाह का उल्लेख है। लेकिन वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय के माध्यम से समलैंगिक के वाद को सुनवाई को लेकर आतुरता दिखाई दे रही है। जो कि किसी भी ठीक नहीं है। विहिप ने मुख्य न्यायाधीश से समलैंगिक विवाह को वैध घोषित न किए जाने की मांग की है।