उत्तराखंड

चलो दीदी भुला, चलो होली खेल्यूंला..

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : रंगों के पर्व होली के अवसर पर साहित्यिक संस्था सांहित्यांचल की ओर से काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें कवियों ने होली संबधित रचनाओं की प्रस्तुति देकर उपस्थित लोगों का मन मोह लिया।
जीएमओयू सभागार में आयोजित गोष्ठी का आरंभ डा. वेदप्रकाश माहेश्वरी, डा. नंदकिशोर ढौंडियाल और जेपी बुड़ाकोटी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। तत्पश्चात मोहिनी नौटियाल ने गढ़वाली भाषा में सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर कार्यक्रम आरंभ किया। इसके बाद उन्होंने चलो दीदी भुला, चलो होली खेल्यूंला.., कविता की प्रस्तुति दी। शशिभूषण अमोली ने होली त ह्वैलि यन.., निशीथ माहेश्वरी ने गिले शिकवे मिटाते हुए.., कविता प्रस्तुत कर शुभकामनाएं दी। रोशन बलूनी ने चंहु ओर स्वागत है.., जगदीश भारद्वाज ने सारे जग में फूट बुरी.., आदि कविता प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी। सीपी नैथानी ने बहुत दिनों से गांव गा नहीं, न जाने कब हो जाना.., कविता के माध्यम से गांव की संस्कृति की झलक प्रस्तुत की। इसके अलावा बलबीर सिंह रावत और उमेश कंडवाल सहित अन्य कवियों ने अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से उपस्थित लोगों का मन मोहा।

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