हत्या के मामले में आरोपी को आजीवन कारावास और 80 हजार अर्थदंड
अल्मोड़ा। हत्या के एक मामले में अपर सत्र न्यायाधीश रमेश सिंह ने अभियुक्त विरेन्द्र सिंह बिष्ट पुत्र राजेन्द्र सिंह ग्राम अमस्यारी पोस्ट गोठी तहसील चौखुटिया जिला अल्मोड़ा को धारा-302 ताहि के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 28 अप्रैल 2012 को मृतक विजय सिंह बिष्ट अपनी आल्टो कार संख्या यूके-01 टीए 1179 में सवारी लेकर अल्मोड़ा से 3:00 बजे हल्द्वानी के लिए रवाना हुआ जो लगभग 8:00 बजे हल्द्वानी पहुंचा तथा वह हल्द्वानी से लगभग 08:15 बजे रात को अभियुक्त विरेन्द्र सिंह को लेकर अल्मोड़ा के लिए रवाना हुआ। जिसके बाद वह देर रात तक घर नहीं पहुंचा। अगले दिन विजय की कार झनाडू रैस्टोरेन्ट मजखाली के पास खड़ी मिली और विजय की लाश भी वहीं पर पड़ी थी। पटवारी द्वारा मौके पर और लाश को कब्जे पुलिस लेकर पंचनामे की कार्यवाही की गयी तथा घटना स्थल से सुबूत जुटाए गए। पुलिस द्वारा अभियोजन साक्षी के बयानों के आधार पर अभियुक्त विरेन्द्र सिंह को चौखुटिया जिला अल्मोड़ा से गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। इस मामले का विचारण अपर सत्र न्यायाधीश, अल्मोड़ा के न्यायालय में चला। इस मामले में अभियोजन की ओर से नौ गवाहों को न्यायालय में परीक्षित किया गया तथा अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी पूरन सिंह कैड़ा द्वारा मामले में सबल पैरवी की गई तथा दस्तावेजी साक्ष्य भी न्यायालय में प्रस्तुत किए गए। अपर सत्र न्यायाधीश अल्मोड़ा द्वारा पत्रावली पर मौजूद मौखिक व दस्तावेजी साक्ष्यों का परिशीलन कर अभियुक्त विरेन्द्र सिंह बिष्ट पुत्र राजेन्द्र सिंह ग्राम अमस्यारी पोस्ट गोठी तहसील चौखुटिया जिला अल्मोड़ा को धारा-302 ताहि के तहत आजीवन कारावास व 50 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है, अर्थदण्ड अदा न करने पर छः माह का अतिरिक्त कठोर कारावास से दंडित किया गया है। इसके अतिरिक्त अन्य धाराओं में 7 साल वर्ष का कठोर कारावास एवं 20 हजार रुपया अर्थदण्ड, अर्थदण्ड अदा न करने पर छः माह का अतिरिक्त कठोर कारावास से दंडित किया गया है एवं 3 साल का कठोर कारावास व 10 हजार रुपया अर्थदण्ड, अर्थदण्ड अदा न करने पर तीन माह का अतिरिक्त कठोर कारावास से दंडित किया गया है। भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 302, 394 एवं 411 में अभियुक्त विरेन्द्र सिंह के विरूद्ध पारित उपरोक्त तीनों दण्डादेश साथ-साथ चलेंगे।