मलबा गधेरे में डाले जाने पर स्थानीय लोगो ने जताई आपत्ति
चमोली। पुल के निर्माण कार्य का मलबा डंपिंग जोन की बजाय गधेरे में ही डालने पर स्थानीय ग्रामीणों ने आपत्ति जताई है। सिमलसेड के ग्रामीण बिसम्बर दत्त , नवीन चंदोला, परमानन्द, भोला दत्त, भुवन चंदोला, हरि दत्त, हरीश चंदोला, विजय चंदोला, लक्ष्मी प्रसाद, संजय चंदोला आदि ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग कर्णप्रयाग-ग्वालदम पर थराली के निकट सिमलसेड में बीआरओ पुल का निर्माण करवा रहा है। यहां से निकले मलबे को डंपिंग जोन में डालने के बजाय द गघेरे में डाल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि इससे उनके गांव को बरसात के दौरान खतरा उत्पन्न हो सकता है। पूर्व में भी मलबा डालने के कारण गांव में भूस्खलन से नुकसान हुआ था, तब भी ग्रामीणों ने बीआरओ को मलबा डंपिंग जोन में डालने के लिए कहा था। कुछ समय कार्य बंद होने के बाद अब बीआरओ ने पुन: कार्य शुरू कराया है तो मलबा फिर से गघेरे में ही डाला जा रहा है, जिसका स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बीआरओ मलबा डंपिंग डन जोन में नहीं डालता है तो ग्रामीण आंदोलन करेंगे। बीआरओ के कमान अधिकारी एम के सिंह का कहना है कि डंप की गई मिट्टी को पुल निर्माण के दौरान प्रयोग में लाया जाएगा और फिलहाल सहूलियत के लिहाज से उसे यहीं डंप किया गया है ।