उत्तराखंड

देवप्रयाग बस स्टेशन के सामुदायिक शौचालयों पर लटके हैं ताले

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नई टिहरी। तीर्थनगरी देवप्रयाग के बस स्टेशन स्थित सामुदायिक शौचालयों में ताले पड़े होने से यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। खुले में शौच करने से महामारी फैलने की भी आशंका बनी है। बदरी-केदार यात्रा मार्ग पराषिकेश से 70 किमी दूरी पर पहला पड़ाव देवप्रयाग होने से सुबह सवेरे यहां बस स्टेशन पर यात्रियों और स्थानीय लोगों की भारी भीड़ पहुंचती है। अधिकांश लोग सुबह के समय यहां शौच आदि के लिए रुकते हैं। मगर देवप्रयाग बस स्टेशन पर बने दोनों सुलभ शौचालयों में पिछले एक हफ्ते से ताले पड़े हुए हैं, जिसके कारण यात्रियों को खासी मुश्कलें झेलनी पड़ रही हैं। स्टेशन के दुकानदार भी इन्ही शौचालयों का उपयोग करते हैं। खुले में शौच करने से यहां गंद्गी बढ़ने के साथ ही महामारी फैलने का खतरा भी बढ़ गया है। तीर्थनगरी देवप्रयाग को पहले ही ओडीएफ घोषित किया जा चुका है, ऐसे में खुले में शौच पर यहां जुर्माना निर्धारित भी किया गया है। सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों में ताला लगे होने के कारण तीर्थ क्षेत्र में खुले में शौच की गंभीर समस्या बनी है। दुकानदार विनोद टोडरिया का कहना है कि बस स्टेशन पर दोनों सुलभ शौचालयों के बन्द होने से बाहरी क्षेत्र से आने वाले लोगों को भारी मुसीबत झेलनी पड़ रही है। सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश ध्यानी का कहना है करीब सात वर्षों से संगम स्थित एक मात्र सुलभ शौचालय भी जीर्णशीर्ण हालात में है। जिसके कारण बाजार में भी गंद्गी से प्रदूषण फैल रहा है। नगरवासियों द्वारा इस संबंध में क्षेत्रीय विधायक को कई बार शिकायत करने के बाबजूद इस संबंध में कोई कारवाई नहीं हुई है। स्थानीय निवासी रविन्द्र कुमार ने कहा कि बस स्टेशन स्थित सुलभ शौचालय को अचानक बन्द कर दिया गया। सुलभ शौचालय बंद होने से तीर्थनगरी में स्वच्छता भारत, स्वच्छ गंगा का नारा बेमानी साबित हो रहा है। सुलभ शौचालयों में एक हफ्ते से ताले लगे होने से लोग सड़कों और पवित्र नदी तट पर शौच करने को मजबूर हैं।

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