लोगों के स्वास्थ्य के साथ हो रहा है खिलवाड़
-शहर में पानी की टंकियों में नहीं होती सफाई
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों की प्यास बुझाने के लिए बनायी गयी पानी की टंकियों में पिछले कई माह से सफाई नहीं कराई गई है। वहीं दूसरी ओर लोग इस बात से अनजान होकर टंकी के दूषित पानी से ही अपनी प्यास बुझा रहे है। जो उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। वहीं पानी की टंकियों का सौंदर्यीकरण न होने से टंकियों की हालत दयनीय बनी हुई है। आलम यह है कि कोई भी टंकी का पानी पीने को तैयार नहीं है।
शहर के झण्डाचौक, बदरीनाथ मार्ग, पटेल मार्ग, स्टेशन रोड सहित अन्य स्थानों पर पानी की टंकियां बनायी गई है, लेकिन पिछले कई माह बीत जाने के बाद भी उक्त टंकियों की सफाई नहीं की गई है। शहर में हजारों की संख्या में लोग अपने रोजमर्रा के कार्यों के लिए बाजार आते है और टंकी के दूषित पानी से अपनी प्यास बुझाते है। जल संस्थान द्वारा जब पानी की टंकी का निर्माण कराया गया तोे उस वक्त लोगों में शुद्घ पानी पीने को लेकर अपार खुशी हुई थी। क्योंकि ज्यादातर शहर के आस-पास उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे गांव के लोग अपने परिवार के पालन पोषण के लिए रोज मजदूरी करने के लिए कोटद्वार आते हैं और शहर की इन टंकियों का पानी पीकर ही अपनी प्यास बुझाते हैं, लेकिन पानी की टंकियों की सफाई न होने के कारण उन्हें दूषित पानी ही पीना पड़ रहा है। जिस कारण लोगों में संक्रमित बीमारियों के होने का खतरा बना हुआ है। स्थानीय निवासी प्रवेश रावत का कहना है कि बदरीनाथ मार्ग स्थित तहसील के गेट के पास स्थित जल संस्थान की पानी की टंकी की सफाई न होने से टंकी की हालत खस्ताहाल बनी हुई है। वहीं पिछले कई वर्षों से टंकी का सौंदर्यीकरण न होने से टंकी बदरंग बनी हुई है। टंकी के कोनों पर इतनी काई जमी है कि आमजन मानस के साथ बाहर से आये हुए यात्री भी इन टंकियों का पानी पीने से परहेज करते है।
क्या कहते है अधिशासी अभियन्ता
कोटद्वार। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता एलसी रमोला का कहना है कि सभी टंकियों की सफाई दो-तीन माह में एक बार की जाती है। ग्रीष्मकाल के मौसम को देखते हुए टंकियों की सफाई शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि अधिकांश टंकियों की सफाई लगभग पूरी हो चुकी है और जिन टंकियों की सफाई नहीं हो पाई है उनकी सफाई जल्द की जायेगी।