नई दिल्ली। सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार की जांच करने वाले लोकपाल के अध्यक्ष और सदस्य अब 70 लाख रुपये की कीमत वाली बीएमडब्लू से चलेंगे। लोकपाल की तरफ से इसका बाकायदा टेंडर जारी किया गया है। टेंडर में कहा गया है कि BMW 3 Series 330 Li मॉडल की सात कारों की जरूरत है। लोकपाल के अध्यक्ष और सभी सदस्यों के लिए बीएमडब्लू खरीदने की योजना है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बीएमडब्लू से लोकपाल के ड्राइवर और स्टाफ को ट्रनिंग भी दिलवाई जाएगी। उन्हें कार के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम और ऑपरेशन के बारे में सात दिन का कोर्स करवाया जाएगा। 16 अक्टूबर को ही यह टेंडर जारी किया गया था। टेंडर नोटिस के मुताबिक यह ऑफर अगले 90 दिनों तक वैलिड रहेगा।
वहीं लोकपाल के इस टेंडर के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। जानेमाने ऐक्टिविस्ट और वकील प्रशांत भूषण ने भी भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच करने वाली संस्था पर सवाल उठाए हैं। भूषण ने कहा कि लोकपाल के सदस्यों को किसी चीज से मतलब नहीं बस वे अपनी सुविधाओं में ही खुश हैं। अब वे अपने लिए 70 लाख की बीएमडब्लू खरीदने वाले हैं।
उन्होंने कहा, पहले तो कई सालों तक नियुक्ति ही नहीं हुई और फिर जब नियुक्ति हुई तो अपने ही लोगों को बैठा दिया गया। अब ये लोग अपनी लग्जरी के साथ खुश हैं। कांग्रेस के युवा मोर्चा का कहना है कि लोकपाल जैसी संस्था की विश्वसनीयता खत्म की जा रही है। अब सरकार उनके लिए विदेशी महंगी कारें खरीद रही है।
वहीं सोशल मीडिया पर एक यूजर ने तंज भी किया। उसने कहा कि ये लोग तो केवल बीएमडब्लू खरीद रहे हैं। अगर चाहते तो 12 करोड़ की रॉल्स रायस भी खरीद सकते थे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इससे पता चलता है कि वे कितने जमीनी स्तर के लोग हैं। बता दें कि दिसंबर 2013 में संसद में लोकायुक्त विधेयक 2011 पास हुआ था। जनवरी 2014 में इसे राष्ट्रपति से मंजूरी मिली। 16 जनवरी को इसे लागू कर दिया गया। जस्टिस अजय मानिकराव खानविलकर लोकपाल चेयरपर्सन हैं। वहीं जस्टिस एल नारायण स्वामी, जस्टिस संजय यादव, जस्टिस रितु राज अवस्थी, पंकज कुमार, सुशील चंद्रा और अजय तिरके सदस्य हैं।