लोकसभा में क्यों बोले पीएम नरेंद्र मोदी- ना खेलब ना खेले देब, खेलबे बिगाड़ब
नई दिल्ली, एजेंसी। पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। कृषि कानूनों पर विस्तार से जवाब देते हुए पीएम मोदी ने विपक्ष पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाया। इस दौरान उन्होंने भोजपुरी की एक कहावत के जरिए विपक्ष को खेल बिगाड़ने वाला बताया। पीएम ने कहा, ना खेलब ना खेले देब, खेलबे बिगाड़ब।
पीएम मोदी ने यूपीए सरकार में कृषि मंत्री रहे शरद पवार के पुराने बयानों को सहारा लेकर घेरा। पीएम मोदी ने शरद पवारों के उन बयानों का जिक्र किया जिसमें उन्होंने एपीएमसी ऐक्ट में बदलाव और प्राइवेट मंडियों का समर्थन किया था। पीएम मोदी ने कहा,यह भी कहा कि विपक्षी दलों की सरकारें भी जिन राज्यों में हैं वहां कुछ ना कुछ रिफर्म किए हैं। हम तो वो हैं जिन्होंने 1500 सौ कानून खत्म किए हैं। हम तो प्रोग्रेसिव पलिटिक्स में विश्वास करते हैं। और भोजपुरी में एक कहावत है कुछ लोग ऐसे हैं, ना खेलब ना खेले देब, खेलबे बिगाड़ब। ना खेलूंगा ना खेलने दूंगा, खेल ही बिगाड़ूंगा।
पीएम मोदी ने कहा, किसान आंदोलन को मैं पवित्र मानता हूं। भारत के लोकतंत्र में आंदोलन का महत्व है, लेकिन जब आंदोलनजीवी पवित्र आंदोलन को अपने लाभ के लिए अपवित्र करने निकल पड़ते हैं तो क्या होता है? दंगा करने वालों, सम्प्रदायवादी, आतंकवादियों जो जेल में हैं, उनकी फोटो लेकर उनकी मुक्ति की मांग करना, ये किसानों के आंदोलन को अपवित्र करना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन नए कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए बुधवार को कांग्रेस को आड़े हाथों लिया और उसे विभाजित और भ्रमित पार्टी करार देते हुए कहा कि वह न तो अपना भला कर सकती है और ना ही देश की समस्याओं के समाधान के लिए सोच सकती है। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर यह हमला उस वक्त बोला, जब लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का वह जवाब दे रहे थे। कांग्रेस के सदस्य मोदी के भाषण के दौरान टोकाटोकी करने के कुछ समय बाद सदन से वकआउट कर गए।