अनुपयोगी लकड़ियों को तराश कर आकर्षक वस्तुएं बनाई
देहरादून। जंगल में अनुपयोगी लकड़ी और जड़ों को तराश कर एक आकर्षक रूप देने में माहिर इंजीनियर गिरीश खंडूरी ने मसूरी में छोटी सी जंगल आर्ट की प्रदर्शनी लगाई है। ताकि आज का युवा उनसे प्रेरित होकर स्वरोजगार की दिशा में कदम बढा अपनी आर्थिक स्थित को मजबूत कर सके। कुलडी स्थित एक रेस्टोरेंट के सभागार में अपने हाथों से बनाई गयी आकर्षक आकृतियों के बारे में इंजीनियर गिरीश खंडूरी ने बताया कि यह उनका पुराना शौक रहा है। जब भी वे कहीं जाते तो रास्ते में पड़ी पेड़ों की जड़ों तनों, टहनियों आदि को उठाकर ले जाते और घर पर उन्हें तराश कर आकर्षक आकृति बनाते। उन्होंने बताया कि मेरी मां आर्टिस्ट थी तब से इस क्षेत्र में कार्य किया। बताया कि उन्होंने जंगली जानवरों, पक्षियों, महिलाओं, देवताओं की आकृति बनायी। इसके लिए जब भी कोई बेकार पड़ी जंगल की वस्तु मिलती तो उसे गौर से देखते व जिस तरह लगता उसी की आकृति बनाते। उन्होंने बताया कि उन्होंने देश भर में इनकी प्रदर्शनी लगाई लेकिन अच्छी कीमत मिलने पर भी बेची नहीं। अभी तक उन्होंने तीन सौ से अधिक आकृति पिछले चालीस सालों में बनाई हैं। वह इस कला को उत्तराखंड की युवा पीढी को सौपना चाहते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि रिटायरमेंट के बाद और अधिक आकृतियां बनाई हैं। अभी तक उन्हें 12 पुरस्कार मिल चुके है और आगे भी प्रयास कर रहे हैं।