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लद्दाख के फरवर्ड बेस पर मेड इन इंडिया लड़ाकू वाहन तैनात

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नई दिल्ली, एजेंसी। मेड इन इंडिया इन्फ्रैंट्री कम्बैट व्हीकल्स को लद्दाख के फरवर्ड बेस में शामिल किया गया है जिससे वहां तैनात सैनिकों की क्षमताओं को बढ़ाया जा सके। उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने व्यक्तिगत रूप से नया वाहन चलाया और कहा कि इन लड़ाकू वाहनों को क्षेत्र के कठिन इलाकों में आसानी से चलाया जा सकता है।
लेफ्टिनेंट उपेंद्र द्विवेदी ने बताया, ष्कोई भी आसानी से वाहन चला सकता है और चालक उससे (वाहन से) 1,800 मीटर दूर देख सकता है। उस पर लगा हथियार अंदर से नियंत्रित किया जा सकता है।ष् इन्फैंट्री प्रोटेक्टेड मोबिलिटी व्हीकल्स (आईपीएमवी) नाम के वाहनों को इस वर्ष अप्रैल में भारतीय सेना को डिलीवर किया गया था। इन वाहनों का लद्दाख के पहाड़ी इलाकों में परीक्षण किया गया है। इन इन्फैंट्री प्रोटेक्टेड मोबिलिटी व्हीकल्स (आईपीएमवी) को संयुक्त रूप से रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और टाटा समूह द्वारा विकसित किया गया है।
एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि दबाव नई रणनीति है जिसमें साइबर और सूचना और अंतरिक्ष डोमेन नए युद्घक्षेत्र के रूप में उभर रहे हैं और भारतीय वायुसेना को तेजी से विकसित हो रही अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के समय में अपनी रणनीतिक प्राथमिकताओं और कार्यों का पुनर्मूल्यांकन करने की आवश्यकता है जिसे बहु-ध्रुवीय दुनिया द्वारा चुनौती दी जा रही है।
वायुसेना प्रमुख ने कहा कि सैन्य उपकरणों के साथ जुड़ाव के लिए कूटनीति, अर्थव्यवस्था, और सूचना प्राथमिक उपकरण बन रहे हैं, जिनका निवारक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। हम तेजी से बदलती हुई अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था देख रहे हैं। इस अंतरराषट्रीय व्यवस्था के समय में अपनी रणनीतिक प्राथमिकताओं और कार्यों का पुनर्मूल्यांकन करने की आवश्यकता है। इसे बहु-ध्रुवीय दुनिया के द्वारा चुनौती दी जा रही है।
पहले वारफेयर एंड स्ट्रेटेजी प्रोग्राम को संबोधित करते हुए वायुसेना प्रमुख ने बताया कि अधिकारियों के बीच रणनीतिक विचार और समझ पैदान करने के उद्देश्य से इस प्रोग्राम को शुरू किया गया है। इस प्रोग्राम का अंतिम उद्देश्य एक ऐसी संस्ति को विकसित करना है जो विश्लेषण की गहरी समझ और दस्तावेजों को तैयार करने की क्षमता और पढ़ाई को बढ़ावा देती है।
भारतीय वायुसेना ने यूएई की वायु सेना के एमआरटीटी विमान द्वारा प्रदान किए गए इन-फ्लाइट ईंधन भरने की गहराई से सराहना की। भारतीय सेना का सुखोई-30 विमान टेक्टिकल लीडरशिप प्रोग्राम में शामिल होने के लिए मिस्र जा रहा था।

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