उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ महापर्व छठ संपन्न

Spread the love

केएमसी के 126 घाटों पर गूंजे छठ मईया के गीत व सोहर
कोलकाता , उगते सूर्य देव को दूसरा अर्घ्य देने के साथ ही लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा का समापन आज हो गया। आज सुबह की सूर्य की पहली किरण के साथ ही श्रद्धालुओं ने छठी मैया और सूर्य देव की आराधना की। चार दिनों तक चलने वाले छठ महापर्व उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद संपन्न हो गया। आमतौर पर छठ पूजा के दौरान ठण्ड पड़ जाती है लेकिन इस साल मौसम इस तरह का था कि, लोगों को गर्म कपड़ों का सहारा नहीं लेना पड़ा। आज छठ व्रतियों ने गंगा घाटों पर उगते सूर्य की उपासना कर 36 घंटे का निर्जला उपवास वाले व्रत का समापन्न किया। इससे पहले आज तड़के ही व्रती एवं श्रद्धालु गंगा घाट पहुंचे और सूर्य की उपासना के साथ ही छठी मैया से सुख व समृद्धि की कामना की। बंगाल सहित महानगर कोलकाता में छठ पूजा की धूम रही। महानगर कोलकाता के बाबूघाट, प्रिंसेप घाट, दहीघाट, सूर्यनामघाट, बिचालीघाट, बीएनआर घाट, बजबज घाट, शिवगंगा तालाब के तट पर सोमवार की देर रात से ही पैर रखने की जगह नहीं थी। आज तड़के से गंगाघाटों पर जन आस्था की भीड़ बढ़ती रही। इसी दिन राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पोर्ट अंचल स्थित दही घाट में भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना की और राज्य में लोगों की सुख-शांति व समृद्धि की कामना की। महानगर कोलकाता स्थित गंगा के सैकड़ों घाटों पर पुलिस की पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था रही। बाबूघाट हो या फिर दहीघाट या सूर्यनाम घाट इन जगहों पर पुलिस की तत्परता और सेवा सराहनीय रही। मटियाबुर्ज ट्राफिक गार्ड के ओसी सौकत मसूद हों या फिर मटियाबुर्ज ट्राफिक गार्ड के एडिशनल ओसी सुरजीत गुप्ता को लगातार दो दिनों से मुस्तैद ही नहीं बरन व्रतियों की मदद करते भी देखा गया। आज बात करने पर कोलकाता पुलिस व निगम के वरीय अधिकारियों ने बताया कि बिना किसी अपवाद छोड़ दे तो कोई बड़ी घटना नहीं घटी और बिना रुकावट के छठ पूजा सम्पन्न हुआ। गंगा घाटों की साफ सफाई भी शुरू हो गई है। हालांकि तमाम मनाही और निषेध के बाद भी गंगा घाटों ही नहीं बरन सड़कों पर भी जमकर आतिशबाजी की गई। आज सुबह गंगा घाटों की बात करे तो कोलकाता के बाबूघाट व सूर्यनाम जैसे गंगा घाटों लाखों की संख्या में छठ व्रती श्रद्धालुओं ने उगते सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया। सूप में केले का घवद दीप सहित फल फूलों से लोगों ने पूरे भक्ति भाव के संग आराधना व अर्घ्य के अनुष्ठान का निर्वाह किया। गंगा के तटों पर आंखों देखा हाल यह था कि जहां भी देखिए और छठ व्रतियों के भीड़ के अलावा कुछ भी नजर नहीं आ रहा था। बहरहाल बता दे कि, छठ श्रद्धालुओं के लिए पुलिस एवं कोलकाता व हावड़ा नगर निगम की ओर से विशेष इंतजाम किए गए थे। छठ व्रतियों ने बताया कि, महापर्व का चौथे और अंतिम दिन यानी सप्तमी तिथि की सुबह सूर्योदय के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *