गढ़वाल के शौर्य के अपमान के लिए माहरा को इस्तीफा देना चाहिए : कैंथोला
गढ़वाल के शौर्य की अधूरी जानकारी रखते है माहरा
जयन्त प्रतिनिधि।
देहरादून : भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विपिन कैंथोला ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के विवादित बयान को निचले स्तर की राजनीति बताते हुए नैतिकता के आधार पर इस्तीफा मांगा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की पहले से ही समाज को बांटकर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने की नीति पर काम करती आई है और आज भी कांग्रेस पार्टी अपनी उसी सोच को आगे बढ़ा रही है।
विपिन कैंथोला ने करन माहरा व कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि आज तुष्टीकरण की राजनीति करते-करते इनके नेता निचले पायदान की राजनीति करने लगे है। अब माहरा अपने ही राज्य के रहने वाले एक क्षेत्र के लोगों पर अभद्र टिप्पणी कर रहे जो उनकी नफरत व समाज को बांटने वाली सोच वाली मानसिकता को दर्शाता है। श्री कैंथोला ने कहा कि कांग्रेसी प्रदेश अध्यक्ष अपनी पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं की गुटबाजी से परेशान होकर व भाजपा के बढ़ते जनाधार को देखकर इतने बौखला चुके है कि अर्नगल और अपमानजनक बयानबाजी कर रहे है। कांग्रेस अध्यक्ष का यह बयान उत्तराखंड की साख को पूरे विश्व में धूमिल करने की कोशिश है। आज राज्य जहां दिन दुगनी रात चौगनी रफ्तार से विकास की और अग्रसर है, वहीं माहरा अपने राज्य के एक क्षेत्र वासियों के लिए अभद्र भाषा कहने में पीछे नहीं है। आज उत्तराखंड के लोगों का डंका भारत ही नहीं विश्व में माना जाता है, पहाड़ के लोगों की ईमानदारी, बहादुरी व कार्य पद्धति के विश्व के लोग कायल है, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष की मानसिकता अपने ही लोगों को कोस कर राज्य की छवि को धुमिल करने की कोशिश है। श्री कैंथोला ने कहा कि अगर माहरा में कुछ नैतिकता बची है तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए नहीं तो कांग्रेस नेतृत्व को ऐसे समाज को बांटने वाले अध्यक्ष को बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस अब भी नहीं चेती तो उत्तराखंड की जनता उन्हें कभी माफ करने वाली नहीं है। साथ ही जो लोग उनकी पार्टी में रहकर इस विषय में चुप्पी साधे है आने वाले समय में जनता उनको भी इस कृत्य में चुप रहने पर सबक सिखायेगी।