रुद्रपयाग : सिलगढ़ क्षेत्र की आराध्य देवी मां इंद्रासणी मंदिर कंडाली में कुंडगज एवं वैदिक मंत्रोचार के साथ नौ दिवसीय अयुत्त महायज्ञ का विधिवत शुभारंभ हो गया है। 12 वर्षों बाद हो रहे महायज्ञ के पहले दिन करीब तीन हजार से अधिक भक्तों ने पहुंचकर पुण्य अर्जित किया। सात फरवरी को पूर्णाहुति एवं भंडारे के साथ महायज्ञ का समापन होगा। कंडाली स्थित मां इन्द्रासणी देवी ने दो माह में सिलगढ़, बड़मा, भरदार, लस्या, तल्लानागपुर के करीब 100 गांवों के भ्रमण के बाद बीते 27 जनवरी को सूर्यप्रयाग में स्नान किया था। जिसके बाद मां की डोली ने तीन दिनों तक कंडाली गांव के पदानों के यहां विश्राम किया। गुरुवार को सुबह पुजारी ने मां इन्द्रासणी की विशेष पूजा-अर्चना के बाद भोग लगाया। जैसे ही मां की डोली अपने मंदिर के लिए रवाना हुई, वैसे ही भक्तों के जयकारों से क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय हो उठा। मां की डोली ने खेत-खलियानों में नृत्यकर भक्तों को अपना आशीष दिया। ठीक 12 बजे मां इन्द्रासणी की डोली अपने मूल मंदिर कंडाली पहुंची, जहां पहले से उपस्थित भक्तों ने पुष्प एवं अक्षतों से मां का भव्य स्वागत किया। साढ़े 12 बजे मां की डोली ने कुंडगज किया गया। जिसके बाद अरणी मंथन के साथ अग्नि प्रज्वलित कर हवनकुंड में डाली गई। जिसके बाद वैदिक मंत्रोच्चारण एवं पूजा अर्चना के साथ नौ दिवसीय महायज्ञ का विधिवत शुभारंभ किया गया। महायज्ञ के तैनात 19 आचार्य प्रतिदिन महायज्ञ क्षेत्र की खुशहाली एवं समृद्धि के लिए प्रतिदिन जौ, तिल और घी की आहुतियां डालेंगे। पहले दिन दूर दराज क्षेत्रों से लगभग तीन हजार से अधिक भक्तजनों ने पहुंचकर पुण्य अर्जित किया। मंदिर समिति की ओर से भक्तों के लिए भंडारे की व्यवस्था की गई। हायज्ञ में 6 फरवरी को जल यात्रा एवं 7 फरवरी को पूर्णाहुति के साथ महायज्ञ का समापन होगा। महायज्ञ संपन्न होने के बाद मां की भोगमूर्तियों को मंदिर में स्थापित किया जाएगा। उन्होंने नौ दिनों तक चलने वाले इस धार्मिक कार्यक्रम में अधिक से अधिक भक्तों से पहुंचने की अपील की है। इस अवसर पर मठापति सुरेंद्र चमोली, मंदिर समिति के अध्यक्ष जगत सिंह बुटोला, मुख्य आर्चाय सुदर्शन पुरोहित, बलवीर सिंह, बिजेन्द्र प्रसाद, चक्रधर प्रसाद, संयोजक मंडल के सदस्य ओपी बहुगुणा, शिव प्रसाद, वीरबल सिंह समेत हजारों की संख्या में भक्तजन मौजूद थे। (एजेंसी)