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मैदानी जनपदों को उत्तराखंड में शामिल करने की योजना बर्दाश्त नहीं करेंगे : तिवारी

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अल्मोड़ा। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार उत्तराखंड के हिमायली राज्य के स्वरूप को बदलने का षडयंत्र कर रही है। उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि राज्य का पुनर्गठन आयोग के माध्यम से चल रही इस प्रक्रिया में मुरादाबाद मंडल के रामपुर, सम्मल, अमरोहा, ज्योतिबाफुले जैसे जनपदों को उत्तराखंड में शामिल करने की योजना तैयार की जा रही है। तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड की जनता और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी केंद्र सरकार के इस फैसले को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि अपने राजनीतिक वर्चस्व के लिये भाजपा के शीर्ष नेता दिल्ली, हरियाण, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड की सीमाओं में बड़े बदलाव की तैयारी कर रहे हैं। इसको लेकर उत्तराखंड में विरोध के स्वर उठने लगे हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना में सहारनपुर मंडल के मुजफ्फर नगर, शामली, बागपत जैसे जिलों को हरियाणा में शामिल एवं हरित प्रदेश की मांग करने वाले मेरठ, गाजियाबाद जैसे जिलों को केंद्रीय राजधानी में दिल्ली में शामिल करने के प्रयासों की चर्चा है। उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड की जनता राज्य पुनर्गठन आयोग के इस तरह के प्रस्ताव एवं निर्णय को स्वीकार नहीं रहेगी। तिवारी ने कहा कि पर्वतीय हिमालयी राज्य कि विशेष भौगोलिक, आर्थिक, सामाजिक परिस्थितियों को देखकर उत्तराखंड राज्य की मांग उठी थी। इसके लिये वर्षों तक आंदोलन चले, मुजफ्फर नगर-खटीमा, मसूरी कांडों को सामना करना पड़ा। उसके बाद उत्तराखंड राज्य मिला जो आज भी आधा ही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह भी कई अवसरों पर राज्य के विस्तार करने की बात कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने नियुक्त किये कुमाउं विवि के एक कुलपति भी उत्तराखंड राज्य के विस्तार करने का बयान मीडिया में दे चुके हैं।

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