आमसौड़ में दरका पहाड़ी का हिस्सा, बड़ा हादसा टला
शनिवार दोपहर हुई बारिश से आमसौड़ से ऊपर से दरकी पहाड़ी
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : वर्षाकाल में आमसौड़वासियों की चुनौतियां एक बार फिर बढ़ गई है। शनिवार दोपहर क्षेत्र में हुई तेज बारिश से ऊपरी पहाड़ी का एक हिस्सा दरककर राष्ट्रीय राजमार्ग पर आ गया। गनीमत यह रही की घटना के दौरान आसपास कोई नहीं था। जिससे एक बड़ा हादसा होने से बच गया। वहीं, आमसौड़ में पानी का स्रोत भी मलबे के नीचे दब गया। समीप ही मौजूद एक सीएचसी सेंटर में भी मलबा घुस गया।
गत वर्षा काल में भी आमसौड़ गांव के ऊपर पहाड़ी से भारी बोल्डर गिरे थे। जिसके बाद पुलिस व प्रशासन ने रात के समय पहुंचकर 25 भवनों को खाली करवाया था। कई दिन तक यह परिवार अपने रिश्तेदारों के घर में शरण लेकर रहे। लगातार बढ़ रही परेशानी के बाद ग्रामीण उनके विस्थापन की मांग उठा रहे थे। लेकिन, प्रशासन ने उनकी सुध नहीं ली। नतीजा इस वर्ष दोबारा वर्षा ने ग्रामीणों की चुनौती बढ़ा दी है। शनिवार को अचानक हुई बारिश से पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा टूटकर मलबे के रूप में राष्ट्रीय राजमार्ग पर आ गया। आमसौड़ गांव में ऊपर झवाण की पहाड़ी से आए भारी मलबे की चपेट में आने से पानी का स्रोत बह गया। वहीं, पहाड़ी का मलबा समीप ही स्थित एक सीएचसी सेंटर में भी घुस गया। आनन-फानन में ग्रामीणों ने सीएससी सेंटर के अंदर फैले मलबे को हटाकर वहां रखे सामान को अन्यत्र शिफ्ट किया। मौके पर पहुंची प्रशासन व पुलिस की टीम ने पहाड़ के नीचे घरों में रहने वाले परिवारों को अन्यत्र शिफ्ट होने के लिए कहा। वहीं, सड़क पर आए मलबे को हटाने के लिए भी जेसीबी मशीन लगी हुई थी। करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मलबे को हटाया गया। वहीं, दुर्गा देवी मंदिर व आमसौड़ के मध्य भी पहाड़ का एक हिस्सा राष्ट्रीय राजमार्ग पर आ गया।
अन्य शिफ्ट होने को कहा
आमसौड़ के ऊपर पहाड़ी से गिर रहे बोल्डर को देखते हुए पुलिस व प्रशासन ने ग्रामीणों को अन्यत्र शिफ्ट होने के लिए कहा है। वहीं, ग्रामीणों ने प्रशासन पर उनकी अनदेखी का भी आरोप लगाया। ग्रामीणों का कहना था कि वह पिछले एक वर्ष से लगातार उन्हें अन्यत्र विस्थापित करने की मांग उठा रहे हैं। लेकिन, उनकी समस्या को गंभीरता से नहीं लिया गया। ऐसे में बरसात के समय वह अपने परिवार के साथ कहां जाए यह एक बड़ी चुनौती है।