जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : पौड़ी में स्प्रिंग एंड रिजुवनेशन अथॉरिटी (सारा) और कैच द रेन की मंगलवार को समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने सभी सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिए। कहा कि जहां पेयजल संकट अधिक है, वहां जल स्रोतों का चिह्नीकरण करते हुए उनके संरक्षण व संवद्र्धन के लिए योजनाएं बनाकर जल्द क्रियान्वयन शुरू करें।
जिलाधिकारी पौड़ी स्वाति एस भदौरिया ने कहा कि सूखा प्रभावित क्षेत्रों की मैपिंग कर विशेष रणनीति तैयार करें। संकटग्रस्त जल स्रोतों की रिपोर्ट भी तत्काल दी जाए व उनके संरक्षण के लिए कार्यदायी संस्थाओं का निर्धारण किया जाए। जल संग्रहण के लिए चाल-खालों के निर्माण को भी प्राथमिकता देने पर डीएम ने जोर दिया। एक करोड़ तक की योजनाओं के अनुमोदन के लिये मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने के निर्देश देते हुए डीएम ने कहा कि किसी भी योजना की डीपीआर बनाते समय उसका औचित्य भी दर्ज किया जाए। सहायक नदियों के पुनर्जीवन के लिए चेकडैम, चाल-खाल, रिचार्ज पिट और तालाबों के निर्माण को जरूरी बताते हुए इस ओर ठोस प्रयास करने के निर्देश दिए। डीएम ने कहा कि जिन 366 जल स्रोतों का संवद्र्धन प्रस्तावित है, उनके लिए 25 जुलाई तक स्रोतों की सूची दी जाए। ऐसे सभी स्रोतों की नियमित मॉनिटरिंग हो, जिन पर काम चल रहा है, ताकि यह आंकलन किया जा सके कि वाटर डिस्चार्ज में सुधार हुआ है या नहीं। बैठक में डीडीओ मनविंदर कौर, जल संस्थान के एसई प्रवीण सैनी, एसई जल निगम मो. मीशम, उपनिदेशक जलागम डीएस रावत, एसडीओ वन आयशा बिष्ट आदि मौजूद रहे।