पहाड़ का माल्टा शहरवासियों की जिह्वा में घोल रहा मिठास
कोटद्वार बाजार में पचास से सत्तर रुपये किलो तक बिक रहा माल्ला
मैदान में बढ़ रही डिमांड से पहाड़ के काश्तकारों के खिले चेहरे
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: विटामिन-सी से भरपूर पहाड़ का रसीला फल माल्टा शहरवासियों की जिह्वा में मिठास घोल रहा है। कोटद्वार के साथ ही अन्य मैदानी क्षेत्रों में इस औषधीय फल की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है। बाजार में यह फल पचास से सत्तर रुपये किलो तक बिक रहा है। माल्टे की बढ़ती मांग से पहाड़ के काश्तकारों को भी लाभ मिल रहा है।
ठंड के साथ ही पहाड़ों में माल्टा उत्पादन बढ़ने लगा है। नींबू प्रजाति का खुशबूदार एंटी आक्सीडेंट व शक्तिवर्धक माल्टे की सबसे अधिक डिमांड मैदानी क्षेत्रों में हो रही है। पहाड़ से कोटद्वार बाजार पहुंच रहा माल्टा दुकानों में लगते ही बिक रहा है। फल विक्रेता महेंद्र कुमार ने बताया कि दिल्ली, गाजियाबाद, देहरादून के साथ ही अन्य बड़े शहरों में माल्टा पहुंच रहा है। यही नहीं, कई लोग तो पहले ही फोन पर माल्टे का आर्डर दे रहे हैं। कोटद्वार में सबसे अधिक जयहरीखाल, बीरोंखाल, रामणी-पुलिंड़ा, द्वारीखाल, रिखणीखाल का माल्टा पहुंच रहा है।
दूरस्थ से नहीं पहुंच पा रहा माल्टा
मैदान में माल्टे की मांग बढ़ती जा रही है। लेकिन, पौड़ी जिले के सैकड़ों दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों से माल्टा मैदान तक नहीं पहुंच पा रहा है। गांव तक सड़क नहीं होने के कारण इसे मुख्य सड़क तक पहुंचाना भी मुश्किल हो गया है। काश्तकारों का कहना है कि सरकार को माल्टा बाजार तक पहुंचाने की व्यवस्था बनानी चाहिए। साथ ही पहाड़ में माल्टे का क्रय मूल्य भी निर्धारित होना चाहिए। जिससे दूरस्थ क्षेत्र के काश्तकार भी आत्मनिर्भर बन सकें।
यह हैं माल्टा के फायदे
– रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
– एनीमिया रोग को दूर करता है।
– खून को साफ करता है।
– चेहरे को चमकदार बनाता है।
– भूखर बढ़ाने में मददगार है।
– शरीर की कमजोरी को दूर करता है।
– बालों को मजबूत बनाता है।
– पेट से संबंधित बीमारियों के लिए रामबांण है।