ममता बनर्जी ने बनाया रेप पीडि़तों का रेट कार्ड, खरीदती हैं गवाह, वकील ने लगाए गंभीर आरोप
नई दिल्ली , कोलकाता रेप कांड के इंसाफ के लिए देशभर में धरना प्रदर्शन आदि किए जा रहे है। वहीं इसी बीच कोलकाता रेप कांड की पीडि़ता के वकील ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि सीएम ने राज्य में रेप पीडि़ताओं का रेट कार्ड फिक्स कर दिया है। इससे पहले पीडि़ता के माता-पिता ने भी तृणमूल कांग्रेस सुप्रीम पर ‘डबल स्टैंडर्ड’ के आरोप लगाए हैं। फिलहाल, इस मामले की जांच पुलिस के बाद सीबीआई को सौंप दी गई है।
पीडि़ता के वकील विकास रंजन भट्टाचार्य ने राज्य सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, ‘पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की भूमिका बहुत ही निंदनीय है। जब भी रेप होता है तो वह तत्काल पीडि़ता के परिवार से बात करना चाहती हैं और उन्हें पैसा देती हैं और कहती है कि सब खत्म हो चुका है। दुर्भाग्य से उन्होंने रेप पीडि़ताओं के लिए रेट कार्ड फिक्स कर दिए हैंज्। वह गवाहों को खरीदने की कोशिश करती हैं।’ सोमवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने प्रदेश को महिलाओं के लिए असुरक्षित करार दे दिया। उन्होंने कहा, ‘बंगाल महिलाओं के लिए सुरक्षित जगह नहीं है। बंगाल ने महिलाओं को निराश कर दिया है। समाज ने नहीं, बल्कि मौजूदा सरकार ने महिलाओं को निराश किया है। बंगाल को अपना गौरव वापस लाना चाहिए, जहां समाज में महिलाओं का सम्मानित स्थान हो।’ उन्होंने कहा, ‘ज्अब महिलाएं गुंडों से डरी हुई हैं। इसे तैयार करने वाली सरकार है, जो इस मामले को लेकर बिल्कुल भी संवेदनशील नहीं है।’ उन्होंने पीडि़ता की मां को लेकर कहा, ‘मैं मां की भावनाओं का सम्मान करता हूं। कानून अपना काम करेगा।’
रविवार को पीडि़ता के पिता ने कहा, ‘मुख्यमंत्री लंबी बातें कर रही हैं, मेरी बेटी के लिए न्याय मांगती हुई सडक़ों पर चल रही हैं। उसी समय वह जनता की नाराजगी को कम करने की कोशिश भी करती है। वह इन दोहरे कामों में शामिल क्यों हैं? क्या वह लोगों से डरी हुई हैं? हमारे पास कुछ सवाल हैं, जिनके जवाब की जरूरत है।’
इससे पहले पीडि़ता की मां ने कन्याश्री और लक्ष्मी भंडार जैसी योजना के लाभार्थियों से सवाल किए। उन्होंने कहा था, ‘उन लोगों को ऐसी योजनाओं के लाभ लेने से पहले अपनी सुरक्षा के बारे में दो बार सोचना चाहिए।’ उन्होंने कहा था, ‘जो भी जिम्मेदार हैं, उनके लिए मैं कड़ी से कड़ी सजा की मांग करती हूं। मैं तब ही राज्य सरकार के आर्थिक सहयोग पर विचार करूंगी। न्याय सबसे पहले आना चाहिए और इसके बाद ही मैं किसी तरह का आर्थिक मदद स्वीकार करूंगी।’