ममता को लगी चोट का सियासी नफा-नुकसान देख रही है भाजपा
नई दिल्ली, एजेंसी। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की शुरुआत में ही तृणमूल कांग्रेस की नेता व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लगी चोट ने चुनावी राजनीति को भी प्रभावित किया है। इस घटना के गहरे राजनीतिक मायने भी हो सकते हैं और सहानुभूति वोट भी चुनाव को प्रभावित कर सकता है। भाजपा की नजर भी इस पर लगी हुई है। इसका असर बाकी छह चरणों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा पर भी पड़ सकता है।
नंदीग्राम पश्चिम बंगाल के चुनावी राजनीति के केंद्र में है, क्योंकि यहां से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव मैदान में है।यहीं पर हुए हादसे में उनके पैर ने फ्रैक्चर से राजनीति समीकरण प्रभावित हो सकते हैं। राज्य में राजनीतिक बढ़त हासिल करने में जुटी भाजपा इस घटना के नफा नुकसान का आकलन कर रही है। वह इस बात का भी अध्ययन कर रही है क्या इस घटना से ममता बनर्जी के पक्ष में सहानुभूति वोट पड़ सकता है? ऐसा होने की स्थिति में भाजपा को अपनी रणनीति में थोड़ा बहुत बदलाव भी करना पड़ सकता है।
भाजपा ने पहले दो चरणों के लिए उम्मीदवार घोषित करने के बाद बाकी छह चरणों के लिए अपने उम्मीदवार फिलहाल घोषित नहीं किए हैं। सूत्रों के अनुसार पार्टी भावी स्थिति के आकलन के अनुसार अपने उम्मीदवार तय करेगी। हालांकि पार्टी के एक प्रमुख नेता ने कहा कि इस घटना से उम्मीदवारों के नाम तय करने पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा क्योंकि पार्टी बहुत पहले ही हर क्षेत्र के लिए अपनी मोटी रणनीति तैयार कर चुकी है। लेकिन चुनाव में दूसरी पार्टियों की रणनीति और विभिन्न समीकरणों को भी ध्यान में रखा जाता है। इसलिए कई बदलाव आखिरी समय में भी किए जाते हैं।
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फिलहाल भाजपा नेता पूरी तरह सक्रिय है और वह ममता बनर्जी के साथ एक घटना को महज एक हादसा बता रहे हैं। जबकि तृणमूल कांग्रेस के नेता इसके पीटे भाजपा की साजिश देख रहे है। सूत्र के सूत्रों के अनुसार भाजपा प्रचार अभियान में ममता के साथ हुए इस हादसे पर आक्रामक रहेगी और इसका राजनीतिक लाभ तृणमूल कांग्रेस को न मिलने देने की कोशिश भी करेगी।