मानव कल्याण के लिए मिट्टी का स्वस्थ होना आवश्यक
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम समन्वयक पुष्कर सिंह नेगी बताया कि पानी और मिट्टी को संरक्षित व धरती पर टिकाऊ जीवन और मानव कल्याण के लिए मिट्टी का स्वस्थ होना आवश्यक है। भौतिकतावादी विकास और भूस्खलन से मिट्टी का क्षरण होने से खाद्य व जल सुरक्षा पर खतरा बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत नदी संरक्षण के साथ-साथ मृदा संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण कार्य किये जा रहे है।
पब्लिक इंटर कॉलेज सुरखेत में नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत विश्व मृदा दिवस पर एनएसएस स्वयं सेवकों ने गंगा उद्यान वाटिका, फुलवारियों के पौधों की निराई-गुड़ाई व सफाई करने उनकी सिंचाई की। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि मिट्टी के क्षरण को रोकने, उसे उपजाऊ व स्वस्थ बनाने के प्रति जागरूकता करने के लिए 5 दिसम्बर 2014 से हर साल विश्व मृदा दिवस सम्पूर्ण विश्व में मनाया जा रहा है। इस वर्ष 2020 के लिए इसकी थीम कीम सोइल अलाइव प्रोटेक्ट सोइल बायोडायवर्सिटी निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान पीढ़ी को जल का सदुपयोगी व मृदा का अधिकाधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए जागरूक करना जरूरी है, क्योंकि मृदा ही मानव जीवन का भरण-पोषण का मुख्य साधन है। इस अवसर पर एनएसएस के स्वयं सेवक सोहन सिंह, शुभम रावत, सचिन, संदीप, शिवम नेगी, सोनू रमोला आदि मौजूद थे।