सबसे पहले मंगल पांडेय ने ही जलाई थी स्वतंत्रता संग्राम की चिंगारी
165वें बलिदान दिवस पर मंगल पांडेय को दी श्रद्धांजलि
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में स्वतंत्रता संग्राम के प्रथम सेनानी मंगल पांडेय के 165वें बलिदान दिवस पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस मौके पर राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि सर्वप्रथम स्वतंत्रता संग्राम की चिंगारी मंगल पांडेय ने ही जलाई थी।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के जनक प्रथम क्रांतिकारी मंगल पांडेय को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने 29 मार्च 1857 को कलकत्ता की बैरकपुर छावनी में क्रांति का बिगुल बजाया था। उन्होंने नारा बुलंद किया था “मारो फिरंगी को”। अंग्रेज अधिकारियों पर गोली चलाने व हमला करने के कारण उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई। उन्हें 18 अप्रैल 1857 को फांसी होनी थी पर कलकत्ता की बैरकपुर जेल के जल्लादों ने फांसी देने से इन्कार कर दिया, तब बाहर से जल्लादों को बुलाकर 10 दिन पहले ही आठ अप्रैल 1857 को फांसी दे दी गई। आर्य ने कहा कि हमें उस महान क्रांतिकारी को स्मरण करते हुए देश की एकता अखंडता की रक्षा का संकल्प लेना चाहिए।
राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि अनेकों बेनाम क्रांतिकारियों के बलिदान के कारण हम आजादी की सांस ले रहे हैं, उनमें से मंगल पांडेय सर्वोपरि हैं। आचार्य महेंद्र ने कहा कि देश की स्वतंत्रता आंदोलन का इतिहास क्रांतिकारियों ने अपने रक्त से लिखा है उनके बलिदान को स्मरण रखने की आवश्यकता है। आचार्य गवेन्द्र शास्त्री ने नई पीढ़ी से देश के स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। इस मौके पर गायक रविन्द्र गुप्ता, पिंकी आर्य, दीप्ति सपरा, आशा आर्य, वीना वोहरा, मृदुल अग्रवाल, प्रवीना ठक्कर, नरेंद्र आर्य सुमन, प्रतिभा कटारिया आदि मौजूद रहे।