-क्लासरूम निर्माण घोटाला मामला
नई दिल्ली, दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कक्षाओं के निर्माण में कथित भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया एसीबी कार्यालय पहुंचे. पूछताछ के बाद वह करीब दोपहर 2:30 बजे एसीबी कार्यालय से निकले. पूछताछ से पहले उन्होंने कहा, मैं आज एसीबी के सामने सारी बातें रखूंगा. मैं कहना चाहता हूं कि यह राजनीति से प्रेरित मामला है. भाजपा केवल फर्जी एफआईआर दर्ज करती है और मामला चलता रहता है. यह पूरी तरह से झूठा मामला है. इस मामले से कुछ नहीं निकलेगा. बीते 9 जून को पहले समन पर पूछताछ के लिए जाने में मनीष सिसोदिया ने जाने पर असमर्थता जताई थी, जिसके बाद एसीबी ने उन्हें दूसरा समन भेजा था.
एसीबी ने 30 अप्रैल को कथित 2000 करोड़ के क्लासरूम घोटाले के संबंध में एफआईआर दर्ज किया था और इस केस में करीब 12,748 क्लासरूम और इमारत के निर्माण में अनियमितता बरतने का आरोप है. मामले में 6 जून को तलब किए गए आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन से एसीबी ने पांच घंटे तक पूछताछ की थी. हालांकि पूछताछ के बाद सत्येंद्र जैन ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा था कि बीजेपी कोई वास्तविक काम नहीं कर रही है और निजी हितों का समर्थन करने के लिए ये राजनीतिक खेल खेल रही है. आम आदमी पार्टी की सरकार ने इतने अच्छे स्कूल बनाए हैं, फिर भी उन्होंने मुझे और मनीष सिसोदिया को भी बुलाया.
दरअसल, इस बाबत बीजेपी नेता हरीश खुराना ने शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार के दौरान 12,748 कक्षाओं/भवनों के निर्माण में 2,000 करोड़ रुपये घोटाला हुआ है. सीमेंट (आरसीसी) से बनी कक्षाओं की औसत लाइफ 75 होती है, इस बजट में सेमी पक्का संरचना का निर्माण किया गया, जिसकी अवधि 30 साल बताई गई है.
कथित तौर पर परियोजना को आम आदमी पार्टी से जुड़े कुछ ठेकेदारों को दिया गया था. इसके बाद भी लागत में बढ़ोतरी हुई और निर्धारित समय अवधि के भीतर काम पूरा नहीं हुआ. वहीं टेंडर प्रक्रिया का पालन किए बिना सलाहकार और वास्तुकार नियुक्त किए गए और उनके माध्यम से लागत में वृद्धि की गई. बता दें कि, इस संबंध में केंद्रीय जांच आयोग (सीवीसी) द्वारा मुख्य तकनीकी परीक्षक रिपोर्ट ने परियोजना में कई विसंगतियों की ओर इशारा किया था और रिपोर्ट को लगभग तीन वर्षों तक तत्कालीन सरकार पर दबाए रखने का भी आरोप लगाया गया.
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