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विनम्रता के प्रतीक थे मनमोहन सिंह, कभी सत्ता का मोह नहीं किया : हिमंता बिस्वा सरमा

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नई दिल्ली , देश के पूर्व प्रधानमंत्री और दिग्गज अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह को असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने असाधाराण विद्वान बताया है। उन्होंने पूर्व पीएम के निधन पर संवेदना जाहिर करते हुए कहा कि उन्होंने बेहतरीन राजनेता खो दिया है।
असम के मुख्यमंत्री ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, मुझे डॉ. मनमोहन सिंह जी को 1991 से जानने का सौभाग्य मिला है, जब वे असम से पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गए थे- एक ऐसा राज्य जिसका उन्होंने 28 वर्षों तक प्रतिनिधित्व किया। डॉ. साहब विनम्रता के प्रतीक थे और उन्होंने कभी सत्ता के मोह में नहीं झुके। उनके साथ मेरी सभी बातचीत में, उनकी सादगी और शालीनता उनके बौद्धिक कौशल के साथ हमेशा सामने आई। प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान, मुझे असम से संबंधित मुद्दों पर कई मौकों पर उनसे बातचीत करने का अवसर मिला और उन्होंने हमेशा हमें धैर्यपूर्वक सुना और सामाजिक मुद्दों के प्रति दृढ़ विश्वास दिखाया। विभाजन के बाद के भारत में साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले, उन्होंने कई प्रतिष्ठित पदों पर राष्ट्र की सेवा की।
उन्होंने आगे कहा, भारतीयों की एक पीढ़ी हमेशा मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था की शुरुआत करने और दशकों से चली आ रही प्रतिगामी समाजवादी नीतियों को समाप्त करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को याद रखेगी। उनके निधन से राष्ट्र ने एक महान देशभक्त, एक असाधारण विद्वान, एक अपरंपरागत राजनीतिज्ञ और एक बेहतरीन राजनेता खो दिया है। गुरशरण मैडम, उनके परिवार और शुभचिंतकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। ओम शांति!
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 92 साल की उम्र में गुरुवार रात 9:51 बजे अंतिम सांस ली। उन्हें गुरुवार की रात स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों की वजह से शाम 8.06 पर एम्स में भर्ती कराया गया था। वो घर पर अचानक बेहोश हो गए थे।
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