उत्तराखंड

पहले भी सामने आ चुकी हैं एवलांच की कई घटनाएं

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देहरादून । पर्वतारोहण में रोमांच के साथ ही बड़ा जोखिम भी रहता है। क्घ्योंकि मौसम पल-पल बदलता है। हालांकि हिमालय की ऊंची चोटियों पर एवलांच की घटनाएं आना सामान्घ्य हैं। लेकिन ट्रेकिंग के दौरान या इन इलाकों में जाने के दौरान जरूरी एहतियात बरतनी जरूरी होती है। उत्घ्तरकाशी के द्रोपदी के डांडा में मंगलवार को आए एवलांच ने उत्घ्तराखंड में आए पुराने बर्फीले तूफानों की कड़वी यादें ताजा हो गई हैं।
पहले भी उत्तराखंड हिमालय की अन्य चोटियों पर एवलांच की घटनाएं हो चुकी हैं। हिमालय की अधिकांश चोटियों पर आरोहण के दौरान एवलांच से कई पर्वतारोहियों और पोर्टर की मौत हुईं है। इतना हीं नहीं इन घटनाओं में कई पर्वतारोहियों का अब तक पता नहीं चल पाया है। बता दें कि वर्ष 2019 में नंदा देवी चोटी पर चार विदेशी पर्वतारोहियों सहित आठ की मौत भी एवलांच की चपेट में आने के कारण हुई थी।
उत्तराखंड से लगे हिमालयी क्षेत्र में नंदा देवी, त्रिशूल, चौखंबा, सतोपंथ, केदारडोम, गंगोत्री-तृतीय सहित अन्य चोटियों पर एवलांच घटनाएं अक्घ्सर सामने आती हैं। अभी दस दिन के अंदर ही केदारनाथ के पास की पहाडिघ्यों में भी तीन बार एवलांच की घटनाएं सामने आईं थी। जिनके अध्घ्ययन के लिए वाडिया के वैज्ञानियों का दल भी वहां पहुंचा है।
उत्घ्तराखंड में एवलांच की प्रमुख घटनाएं इस प्रकार हैं
2019 में नंदादेवी के आरोहण के दौरान एवलांच की चपेट में आने से चार विदेशी पर्वतारोही सहित आठ की मौत
2016 में शिवलिंग चोटी पर दो विदेशी पर्वतारोहियों की मौत
2012 में सतोपंथ ग्लेशियर क्रेवास गिरकर आस्ट्रेलिया के एक पर्वतारोही मौत
2012 में वासूकी ताल के पास एवलांच आने से बंगाल के 5 पर्यटकों की मौत
2008 में कालिंदीपास में एवलांच आने के कारण बंगाल के 3 पर्वतारोही और 5 पोर्टर की मौत
2005 में सतोपंथ चोटी पर आरोहण के दौरान एवलांच से सेना के एक पर्वतारोही की मौत
2005 में चौखम्बा में एवलांच से 5 पर्वतारोहियों की मौत हुई
2004 में कालिंदीपास में एवलांच से 4 पर्वतरोहियों की मौत
2004 में गंगोत्री-2 चोटी में एवलांच से बंगाल के 4 पर्वतारोहियों की मौत
1999 में थलयसागर चोटी में आरोहण के दौरान तीन विदेशी पर्वतारोहियों की मौत
1996 में केदारडोम चोटी पर एवलांच से कुमांऊ मंडल के 2 पर्वतारोहियों की मौत
1996 में भागीरथी-टू चोरी पर एवलांच से कोरिया के एक पर्वतारोही की मौत
1990 में केदारडोम चोटी पर एवलांच आने से पांच पर्वतारोहियों की मौत

एवलांच क्घ्या होता है?
एवलांच तब आता है जब ऊंची चोटियों पर ज्यादा मात्रा बर्फ जम जाती है और दबाव ज्यादा होने पर बर्फ अपनी जगह से खिसक जाती है। बर्फ की परतें खिसती हैं और तेज बहाव के साथ नीचे की ओर बहने लगती हैं। रास्ते में जो कुछ आता है उसे ये बहा ले जाते हैं।

क्रेवास क्घ्या होता है?
ग्घ्लेशियर और हिमायली क्षेत्रों में संकरी खाइयों या बड़ी दरारों को क्रेवास कहते हैं। इनके ऊपर बर्फ की परत जमा रहती है। इसलिए ये दरारें ऊपर से नहीं दिखती हैं।

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