मरचूला बस हादसा: आंगन से उठी अर्थियां, बिलख उठे स्वजन
धुमाकोट की गूजडू़ पट्टी के किनाथ व बराथ समेत आसपास के गांवों में पसरा सन्नाटा
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : अल्मोड़ा जिले के सल्ट विकासखंड के मरचूला में हुए बस हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया। मंगलवार को मृतकों के शवों का अंतिम संस्कार किया गया। घर के आंगन से जैसे ही अपनों की अर्थियां उठी स्वजन बिलखने लगे। धुमाकोट की गूजडू़ पट्टी के किनाथ व बराथ समेत आसपास के गांवों में पूरी तरह सन्नाटा छाया हुआ था।
सोमवार को यात्रियों से भरी बस अनियंत्रित होकर 150 फीट गहरी खाई में गिर गई। हादसे में पौड़ी गढ़वाल के 27 यात्रियों समेत 36 की मौत हो गई थी। जबकि 27 घायल हैं। रामनगर अस्पताल से छह यात्रियों को एयरलिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश भेजा गया। 11 को अन्यत्र रेफर किया गया है। जबकि नौ लोग रामनगर अस्पताल में उपचारधीन है। खतरनाक मोड़ में बस मोड़ते समय कमानी टूटने को हादसे की वजह बताया जा रहा है। गढ़वाल मोटर यूजर्स कोऑपरेटिव सोसायटी (यूजर्स) की 42 सीटर बस में 63 यात्री सवार थे। हादसे में 28 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि आठ ने अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया। मृतकों में दस महिलाओं के अलावा बुजुर्ग और बच्चे भी हैं। हादसे के बाद धुमाकोट की गूजडू़ पट्टी के किनाथ व बराथ समेत आसपास के गांवों में सन्नाटा पसरा हुआ है।
नहीं चली दूसरी बस
सोमवार को हुई दुर्घटनाग्रस्त में यूजर्स कंपनी की अभागी बस की जगह मंगलवार को कोई दूसरी बस सेवा नहीं चली। गांव के बाजार बंद रहे। परिवहन कंपनी की ओर से सोमवार रात को क्षेत्र में भेजी गई एक बस से बराथ के ग्रामीण चार शवों को लेकर अंतिम संस्कार के लिए हरिद्वार ले गए। किनाथ गांव के दो मृतकों पति-पत्नी प्रवीण और मीना का शव पोस्टमार्टम के बाद परिजन गांव ले आए थे। जिनका अंतिम संस्कार गमगीन माहौल में गांव से करीब 4 किमी. दूर पैतृक घाट पर हुआ।
मई माह में हुई थी शादी
प्रवीण और मीना की शादी इसी साल मई में हुई थी। उनके वृद्ध पिता भजन सिंह और मां गोदांबरी देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजन नियति को कोस रहे हैं। इसी गांव की एक महिला दमंयती देवी (76) का शव परिजन पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार के लिए रामनगर ले गए हैं। वह गांव में अकेली रहती थी और बच्चों के पास जाने के लिए उस अभागी बस में सवार हुई थी।