कोटद्वार। विकासखंड दुगड्डा के अंतर्गत उड्डा-केष्टा मोटर मार्ग निर्माण शुरू होने के दो वर्ष व स्यालनी-जौरासी मोटर मार्ग निर्माण शुरू होने के एक वर्ष बाद भी सम्बन्धित ग्रामीणों को मुआवजा नहीं मिला है। इससे काश्तकारों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। काश्तकारों ने उपजिलाधिकारी कोटद्वार को पत्र सौंपकर मुआवजे की मांग की है।
सांसद प्रतिनिधि चण्डी प्रसाद कुकरेती ने उपजिलाधिकारी योगेश मेहरा को पत्र सौंपते हुए बताया कि उड्डा-केष्टा मोटर मार्ग का निर्माण कार्य वर्ष 2017-18 एवं स्यालनी-जौरासी मोटर मार्ग का निर्माण कार्य वर्ष 2018-19 में शुरू हो गया था, लेकिन संबंधित विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण अभी तक उक्त मोटर मार्गों के निर्माण में जिन-जिन भू-स्वामियों की भूमि अधिग्रहित की गई थी उनको मुआवजा नहीं दिया गया है। जबकि कई बार संबंधित अधिकारियों को अवगत कराया गया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मोटर मार्ग निर्माण के दौरान गांवों के सम्पर्क मार्ग क्षतिग्रस्त हो गये थे, लेकिन अभी तक सम्पर्क मार्गों की मरम्मत नहीं कराई गई है। जिस कारण ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने काश्तकारों को मुआवजा देने व सम्पर्क मार्गों की मरम्मत कराने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करने की मांग की है।