श्रीनगर गढ़वाल। विकासखंड कीर्तिनगर के चौरास क्षेत्र में पंपिंग पेयजल योजना निर्माण का कार्य लगभग 85 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। गर्मियों में चौरास क्षेत्र की जनता को पेयजल योजना की सौगात मिलने वाली है। निर्माणदायी संस्था पेयजल निगम देवप्रयाग का दावा है कि अप्रैल माह के अंतिम तक पंपिंग पेयजल योजना का कार्य पूरा कर लिया जायेगा। बताते चलें कि जल जीवन मिशन और राज्य सेक्टर मद से बन रही मढ़ी चौरास-जाखणी पुनर्गठन पंपिंग पेयजल योजना का निर्माण कार्य 37 करोड़ 16 लाख 58 हजार रूपये की लागत से पूरा किया जायेगा। यह प्रदेश की पहली ग्रामीण पेयजल योजना है, जिसमें प्रतिदिन प्रति व्यक्ति पानी की खपत 135 एलपीसीडी रखी गई है। पेयजल योजना से जाखणी, मढ़ी, रानीहाट, नैथाणा, थापली, सुपाणा समेत 14 गांवों की आबादी लाभान्वित होगी।
चौरास क्षेत्र की जनता कई वर्षों से पेयजल व्यवस्था सुचारू न होने से पेयजल किल्लत से जुझ रही है। यह पेयजल योजना चौरास क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगी। पेयजल योजना के अंतर्गत अभी तक गौरशाली में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) का निर्माण कार्य भी 90 प्रतिशत तक पूरा हो गया है, जबकि नैथाणा के पास अलकनंदा नदी में बन रहे इनटैंक वेल का निर्माण कार्य अंतिम चरण पर चल रहा है। इधर, पेयजल निगम देवप्रयाग के सहायक अभियंता प्रदीप पयाल ने बताया कि मढ़ी चौरास-जाखणी पेयजल योजना के अंतर्गत 8 टैंकों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। नैथाणा में बन रहे इनटैंक वेल का निर्माण कार्य 85 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है। इनटैंक वेल के छत पड़ने के बाद स्कैप होल्डिंग का कार्य किया जाना है। बताया कि अप्रैल माह तक पंपिंग पेयजल के निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। मई माह में चौरास क्षेत्र की जनता को पानी उपलब्ध करवा दिया जायेगा। बताया कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को लेकर पंप, मोटर और ट्रांसफार्मर भी क्रय कर चौरास पहुंच चुके हैं। जल्द ही मैकेनिकल टीम पहुंचकर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में इनस्टॉल कर लिया जायेगा। बताया कि हडिम की धार पेयजल योजना के तहत 6 करोड़ की लागत से मलेथा के पास बनने वाले इनटैंक वेल और वाटर फिल्टर प्लांट का निर्माण कार्य अंतिम चरणों में है। उम्मीद है कि मई माह में दोनों योजनाओं का एक साथ लोकार्पण किया जायेगा।