मार्केण्डेय मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हुए भगवान तुंगनाथ
रुद्रप्रयाग । शुक्रवार को भगवान तुंगनाथ की चली उत्सव विग्रह डोली दोपहर बाद दो बजे मार्केण्डेय मंदिर मक्कूमठ पहुंची। मुख्य मंदिर की तीन परिक्रमा के बाद डोली भूतनाथ मंदिर पहुंची और दर्शनों के बाद मुख्य मंदिर के सभामंडप में विराजमान हो गई। इस मौके पर मक्कमठ गांव के ग्रामीणों ने आराध्य के दर्शन कर उन्हें सामूहिक अध्र्य लगाया। इस मौके पर पुजारियों ने मठाधिपति राम प्रसाद मैठाणी के हाथों विशेष पूजा-अर्चना एवं दान परंपरा का निर्वहन कराया। इसके उपरांत तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ की भोग मूर्तियों को मार्केण्डेय मंदिर के गर्भगृह में छह माह की पूजा-अर्चना के लिए विराजमान किया गया। इससे पूर्व पूर्वान्ह 11 बजे तृतीय केदार की चल उत्सव डोली ने भनकुन गुफा से शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ के लिए प्रस्थान किया। गुर्जर ग्वाड़ के ग्रामीणों द्वारा भगवान को सामूहिक अध्र्य लगाया गया। यहां से आगे बढ़ते हुए आराध्य ने आकाशकामिनी नदी में स्नान किया। यहां से पारंपरिक वाद्य यंत्रों की थाप और भक्तों के जयकारों के बीच तृतीय केदार की चल उत्सव विग्रह डोली शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ पहुंची। इस मौके पर तुंगनाथ मंदिर के प्रंबंधक प्रकाश पुरोहित, पुजारी अतुल मैठाणी, विनोद मैठाणी, सुरेंद्र मैठाणी, गीतराम मैठाणी, प्रकाश मैठाणी, चंद्रबल्लभ मैठाणी, आचार्य लंबोधर मैठाणी, विजय मैठाणी, रवींद्र मैठाणी, ग्राम प्रधान विजयपाल सिंह नेगी, उमा दत्त मैठाणी सहित कई भक्तजन मौजूद थे।