Uncategorized

कोरोना संक्रमित दवाइयों की बाजार में कमी, मरीज परेशान

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

रुड़की। रुड़की में कोरोना संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है। जिसके चलते कोरोना संक्रमित मरीजों को दी जाने वाली दवाओं की काफी हद तक कमी भी देखने को मिल रही है। जिससे कोरोना मरीजों और उनके तीमारदारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं ढ़ाई सौ का ऑक्सोमीटर 1500 रुपये तक में बेचा जा रहा है। कोरोना संक्रमित मरीज को चिकित्सक एजीथ्रोमाइसीन, पैरासिटामोल, आइवर मैक्टीन, विटामीन सी, जिंक खाने की सलाह दी जा रही है। लेकिन वर्तमान में यह अधिकतर दवाई मार्केट में कम मिल रही है। मेडिकल स्टोर संचालक गौरव कुमार ने बताया कि आइवर मैक्टीन का काम इम्युनिटी बढ़ाना होता है। लेकिन बढ़ती मांग के चलते यह दवाई काफी कम हो चुकी है। इसके अलावा एजीथ्रोमाइसिन, जिंक और विटामीन सी की भी कमी है। जबकि पैरासिटामोल कुछ कंपनियों की आ रही है। जबकि कुछ कंपनियों की नहीं आ रही है। दवायों के थोक विक्रेता सुशील ने बताया कि कोरोना से जुड़ी दवा पीछे ही कम आ रही है। जिसके चलते यह दिक्कत हो रही है। मेडिकल स्टोर संचालक शोभित गौतम और पीयूष ने बताया कि कोरोना से जुड़ी दवाओं की सार्टेज हो रही है।
दामों में भी आया अंतर: कोरोना संक्रमण के दौरान जहां कुछ लोग मदद करने सामने आ रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग मजबूरी का फायदा उठाकर दोगुने से तीगुने दाम लोगों से वसूल रहे हैं। ऑक्सोमीटर जो कि शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा चैक करने के काम आता है। उसकी कीमत बाजार में 250 रुपये की है। जबकि एक दूसरी कंपनी का करीब 1200 रुपये का है। लेकिन ढाई सौ रुपये वाला इस वक्त 1000 से 1500 तक की कीमत में मिल रहा है। जबकि 1200 वाला 4000 का बेचा जा रहा है। तीन से चार रुपये की कीमत वाला मास्क भी दस रुपये का बाजार में मिल रहा है। आइवर मैक्टीन की चार गोली का पत्ता जो कि करीब 88 रुपये का है। उसकी कीमत सौ से डेढ़ सौ रुपये तक वसूली जा रही है।
बेवजह कृपया दवाई स्टॉक न करें: सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. संजय कंसल ने बताया कि कोरोना संक्रमण के डर से कुछ लोग कोरोना के इलाज में दी जाने वाली दवाई पहले से ही घर में स्टॉक कर रहे हैं। जबकि ऑक्सीजन सिलेंडर की भी स्थिति यही है। सीएमएस ने ऐसे लोगों से अपील की है कि वे बेवजह दवाओं को स्टॉक न करें।
जिंक और विटामिन के प्राकृतिक्र स्रोत का करें इस्तेमाल: सीएमएस डॉ. संजय कंसल ने बताया कि यदि किन्हीं कारणों से विटामिन सी और जिंक जैसे दवाओं की बाजार में उपलब्धता कम है तो इन दोनों के प्राकृतिक स्रोत का सहारा लिया जा सकता है।
मरीज के परिजनों की दास्तान: आजाद नगर से एक व्यक्ति रामनगर चौक के निकट मेडिकल स्टोर पर दवाई लेने पहुंचा था। उसने बताया कि एजीथ्रोमाइसीन और आइवर मैक्टीन चार दुकानों के बाद एक दुकान से दवा जरूर मिली। लेकिन दवा कम मात्रा में मिली। दवा की कीमत के बारे में पूछने पर उसने कहा कि दवा मिल गई यही बहुत है। जबकि बीएसएम चौक से ऑक्सीमीटर खरीदकर ले जाने वाले शंकर से पूछा गया कि किस कीमत पर खरीदा तो उसका जवाब था कि हम मजबूर हैं यह फायदा उठा रहे हैं।
कोरोना की दवाइयां खरीदकर घरों पर रख रहे लोग
लक्सर। कोरोना की दवाओं की कमी को लेकर सोशल मीडिया पर चल रहे मैसेज से मेडिकल स्टोर संचालक परेशान हैं। दिक्कत यह है मैसेज को सही मानकर आमजन भी कोरोना पॉजिटिव मरीजों को दी जाने वाली दवाइयां खरीदकर घर पर रख रहे हैं। यही वजह है कि इन दवाइयों की अक्सर कमी हो रही है। कोरोना संक्रमित मरीज को डॉक्सी कैप्सूल, पैरासिटामोल, विटामिन सी, जिंक मल्टीविटामिन की सुबह शाम दो खुराक दी जाती है। साथ ही दिन में तीन बार आइवर मैक्टीन 12 टेबलेट, एक बार एजीथ्रोमाइसीन टैबलेट और सप्ताह में एक बार डी-3 60 के टैबलेट देनी होती है। लक्सर के मेडिकल स्टोर संचालक मुकेश अग्रवाल ने बताया कि ये सभी दवाइयां उपलब्ध हैं। पर दिक्कत यह है कि जिनके परिवार में कोई भी संक्रमित नहीं है, वे आगे इन दवाओं की किल्लत होने की आशंका में इसके पूरे डिब्बे खरीदकर घर पर रख रहे हैं। इसके चलते मेडिकल स्टोर पर अक्सर इनमें से एक दो दवा की शॉर्टेज हो रही है। राकेश गुप्ता, पवन कुमार, अवनीश शर्मा ने बताया कि कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर कोरोना की दवाओं की शॉर्टेज के मैसेज चल रहे हैं। इससे घबराए लोग दवा खरीदकर स्टॉक कर रहे हैं। मेडिकल स्टोर एसोसिएशन अध्यक्ष डॉ. प्रेमसिंह पुंडीर का कहना है कि सारी दवाइयां आ रही हैं। सोशल मीडिया के मैसेज को देखकर दवाइयां लेना गलत है।
कहीं नहीं मिल रहा पल्स ऑक्सीमीटर: कोरोना के कारण होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को पल्स ऑक्सीमीटर नहीं मिल रहा है। पल्स ऑक्सीमीटर से मरीज के शरीर में ऑक्सीजन लेबल की जांच होती है। अर्जुन सैनी, सत्यवीर सिंह, महेश वर्मा का कहना है कि लक्सर में किसी भी मेडिकल स्टोर पर पल्स ऑक्सीमीटर नहीं है। मेडिकल स्टोर संचालक दिनेश अग्रवाल ने बताया कि होलसेल डीलरों के पास से ही पल्स ऑक्सीमीटर नहीं आ रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!