डीएम की अध्यक्षता में हुई चिकित्सा प्रबंधन समिति की बैठक

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– चालू वित्तीय वर्ष के लिए 9.07 बजट अनुमोदित, नए प्रस्तावों को मिली स्वीकृति।
देहरादून। जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में ऋषिपर्णा सभागार, कलेक्ट्रेट परिसर में चिकित्सा प्रबंधन समिति राजकीय जिला चिकित्सालय (कोरोनेशन) देहरादून की संचालक मंडल की प्रथम त्रैमासिक बैठक संपन्न हुई। जिसमें अस्पताल में चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए कई नए प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक में पिछले वित्तीय वर्ष का आय व्यय विवरण और चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तावित कार्यों के बजट का अनुमोदन भी किया गया।
जिला चिकित्सालय में तीमारदारों की परेशानी दूर, अगले माह से जिला चिकित्सालय में तैनात रहेगा ‘‘रक्त गरूड़’’, ब्लड लेने में तीमारदारों को होगी सुविधा मिलेगी। अब कोरोनेशन में ठेके का खाना बंद, हिलांस कैन्टीन के माध्यम से मरीजों को मिलेगा गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक आहार, महिला एसएचजी के माध्यम से संचालित होगा किचन इसके लिए डीएम ने सीडीओ को व्यवस्था सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी है। हिलांस कैन्टीन व ब्लड बैंक निर्माण दु्रत गति से जारी है जल्द ही इन कार्याें का उद्घाटन होगा। साथ ही जिला चिकित्सालय में नवजात शिशुओं के लिए डीएम द्वारा हॉल ही में परिचालित 06 बैडेड एसएनसीयू को जस्ट डबल 12 बैड करने के भी निर्देश दिए हैं। डीएम ने अस्पताल से प्रसव में रेफरल के अधिक प्रतिशत् पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए मसूरी में गायनी व कोरोनोशन में निश्चेतक के क्रियाक्लाप की विस्तृत जांच के आदेश मुख्य चिकित्साधिकारी को दिए। अस्पताल में फार्मासिस्ट की आवश्यकता, डीएम ने आउटसोर्स से की तत्काल व्यवस्था। जिला अस्पताल में मरीजों को मिले बेहतर सुविधा, तीमारदारों का न हो परेशानी डीएम दिए सख्त निर्देश।
जिला चिकित्सालय (कोरोनेशन) देहरादून में मरीजों के तीमारदारों को दूसरे अस्पताल से ब्लड एवं दवाइयों को लाने में वाहन न मिलने से हो रही परेशानी को देखते हुए जिलाधिकारी ने अस्पताल प्रशासन को अटल आयुष्मान से तत्काल एक इलेक्ट्रिक वाहन खरीद करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि यह वाहन सिर्फ मरीजों के साथ आए तीमारदारों को दूसरे अस्पताल से ब्लड एवं आवश्यक दवा लाने के लिए कम से कम चार्जेज पर उपलब्ध रहेगा। उन्होंने पीआरडी से वाहन चालक की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए।
जिला चिकित्सालय देहरादून में मरीजों को अब भोजन में गुणवत्ता युक्त पौष्टिक आहार उपलब्ध होगा। भोजन की गुणवत्ता में सुधार के लिए जिलाधिकारी ने अस्पताल में ही स्वयं सहायता समूह के माध्यम से किचन संचालन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने सीडीओ को किचन का डिजाइन करने और एक माह में एसओपी तैयार करते हुए इसका संचालन शीघ्र शुरू करने को कहा। एसएचजी के माध्यम से किचन संचालन से जहां मरीजों को स्वच्छ पौष्टिक आहार मिलेगा वही एसएचजी महिलाओं की आर्थिकी भी सुदृढ होगी।
चिकित्सालय में गर्भवती महिलाओं के प्रसव में रेफरल का प्रतिशत अधिक होने पर जिलाधिकारी ने गहरी नाराजगी व्यक्त की। जिलाधिकारी ने सीएमओ और एसीएमओ को अस्पताल से प्रसव केसों में रेफरल मामलों की बारीकी से जांच करते हुए रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। कहा कि अस्पताल में पर्याप्त संख्या में गायनोलॉजिस्ट एवं स्पेशल न्यू र्बाेन केयर यूनिट (एसएनसीयू) सुविधा के बावजूद भी प्रसव मामलों में रेफरल प्रतिशत अधिक होना संतोषजनक नही है। उन्होंने अस्पताल प्रशासन को इसमें सुधार लाने की सख्त हिदायत दी।
अस्पताल के पुराने भवन के लिए बन रहे नए एसटीपी में एनएचएम से धनराशि स्वीकृति मिलने के बाद अस्पताल प्रशासन द्वारा कार्यदायी संस्था नामित करने के लिए प्रस्ताव शासन भेजे जाने पर जिलाधिकारी ने कहा कि यदि जिला स्तर से कार्यदायी संस्था नामित की जा सकती है, तो ब्लड बैंक निर्माण का काम कर रही संस्था को ही कार्यदायी संस्था नामित करते हुए तत्काल एसटीपी का काम शुरू कराया जाए और शासन को इससे अवगत कराया जाए।

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