देश में इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल बढ़ाने की तैयारी, भारत और जर्मनी के बीच बैठक

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नई दिल्ली, भारत में जर्मन दूतावास के एक बयान में कहा गया कि भारत के ई-मोबिलिटी संक्रमण के अगले चरण के तहत, दोनों देश पांच प्रमुख विषयों को प्राथमिकता दे रहे हैं. छोटे स्तर के परीक्षण से आगे बढ़कर एक एकीकृत, संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र-व्यापी दृष्टिकोण की ओर बढ़ने के लिए समन्वित प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया गया.
भारत-जर्मन ग्रीन एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट पार्टनरशिप (जीएसडीपी) ने गुरुवार को महाराष्ट्र सदन में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी: सिस्टम इंटीग्रेशन से कौशल विकास तक विषय के तहत जीएसडीपी वार्ता श्रृंखला के नौवें संस्करण की मेजबानी की. बैठक में केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य और शहर प्रशासनों, सार्वजनिक परिवहन उपक्रमों, वितरण कंपनियों (डिस्कॉम्स), कौशल विकास संस्थानों, उद्योग प्रतिनिधियों, फाइनेंसरों और अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया.
चर्चा के दौरान, इस बात पर प्रकाश डाला गया कि भारत के महत्वाकांक्षी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लक्ष्यों को केवल अक्षय ऊर्जा, परिवहन, विनिर्माण, वित्त और कौशल जैसे प्रमुख क्षेत्रों में एकीकृत योजना के माध्यम से ही प्राप्त किया जा सकता है. सुचारू कार्यान्वयन के लिए केंद्र सरकार, राज्यों और शहरों के बीच मजबूत समन्वय पर जोर दिया गया.
अक्षय ऊर्जा, सार्वजनिक परिवहन आधुनिकीकरण, शहरी विकास और व्यावसायिक शिक्षा में लंबे समय से चले आ रहे सहयोग द्वारा आकारित भारत-जर्मन सहयोग, अगली पीढ़ी के इलेक्ट्रिक मोबिलिटी समाधानों को संयुक्त रूप से आगे बढ़ाने के लिए एक मंच प्रदान करता है. हाल के वर्षों में, भारत सरकार ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के लिए एक मजबूत बहु-मंत्रालयी नीति ढांचा विकसित किया है.
इसमें वाहन विद्युतीकरण और चार्जिंग बुनियादी ढांचे को लक्षित करने वाली पीएम ई-ड्राइव योजना, सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से 10,000 इलेक्ट्रिक बसें तैनात करने वाली पीएम ई-बस सेवा और बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक बस संचालन को जोखिम-मुक्त करने के लिए 2024 में शुरू की गई एक भुगतान सुरक्षा तंत्र शामिल है.
इस संवाद ने स्वच्छ, कुशल और समावेशी गतिशीलता समाधानों को चलाने के लिए दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की. हितधारकों ने निरंतर सहयोग के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर सहमति व्यक्त की और समन्वित कार्रवाई को सक्षम करने वाले एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में जीएसडीपी की भूमिका को दोहराया.
2022 में शुरू की गई भारत-जर्मन ग्रीन एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट पार्टनरशिप (जीएसडीपी), एक रणनीतिक सहयोग ढांचे के रूप में कार्य करती है जो स्थायी और जलवायु-संरेखित विकास का समर्थन करती है तथा सतत विकास लक्ष्यों और पेरिस समझौते में योगदान देने वाले समाधानों को आगे बढ़ाती है.

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