मेला अधिकारी दीपक रावत व अपर मेला अधिकारी हरबीर सिंह को संतों ने किया सम्मानित

Spread the love

हरिद्वार। हिंदू रक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महामण्डलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी महाराज ने कुंभ मेला सकुशल संपन्न कराने में निर्णायक भूमिका निभाने वाले कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत एवं अपर मेलाधिकारी हरबीर सिंह को शॉल ओढ़ाकर व गंगाजली भेंटकर सम्मानित किया। राममंदिर आदंोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले परमहंस स्वामी वामदेव महाराज के जीवन पर आधारित पुस्तक भी संतों ने अधिकारियों को भेट की और पावनधाम के समीप बनाए जा रहे स्वामी वामदेव चौक को शीघ्र पूरा कराने की मांग की। दोनों अधिकारियों को उनके आवास पर सम्मानित करने के दौरान महामण्डलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी महाराज ने कहा कि कोरोना काल में कुंभ मेले को सकुशल संपन्न कराना मेला अधिकारी दीपक रावत व अपर मेला अधिकारी हरबीर सिंह की कार्यकुशला को दर्शाता है। उनके द्वारा संत महापुरूषों, आश्रम, अखाड़ों, मठ मंदिरों के प्रबंधकों से व्यवस्थाओं को लेकर लगातार समन्वय स्थापित किए जाने से ही कुंभ मेले के आयोजन में किसी भी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न नहीं हुआ। दोनों ही अधिकारी हमेशा ही अपनी कार्यकुशल व कर्मठता से संत समाज को भी प्रभावित करते रहे। कोरोना काल में कुंभ मेले को सकुशल संपन्न कराना दोनों ही अधिकारियों की बड़ी उपलब्धि है। ऐसे अधिकारियों को मनोबल व उत्साह बढ़ाया जाना जरूरी है। स्वामी प्रबोधानंद गिरी महाराज ने कहा कि कई तरह के व्यवधान उत्पन्न होने पर दोनो अधिकारियों ने जिम्मेदारी का परिचय देते हुए मौके पर पहुंचकर समस्याओं का समाधान कराया। कुंभ मेले के दौरान संत समाज को दोनो अधिकारियों का पूर्ण सहयोग मिला। जिसके लिए मेला अधिकारी दीपक रावत व अपर मेला अधिकारी हरबीर सिंह बधाई व आशीर्वाद के पात्र हैं। मेला अधिकारी दीपक रावत ने कहा कि कोरोना के कारण उत्पन्न हुई विपरीत परिस्थितियों में कुंभ मेले जैसे विशाल आयोजन को सकुशल संपन्न कराना बेहद चुनौतीपूर्ण था। लेकिन संत समाज के सहयोग से सभी शाही स्नान सकुशल संपन्न हुए। अपर मेला अधिकारी हरबीर सिंह ने कहा कि वे सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें संत महापुरूषों की सेवा का अवसर मिला। संत महापुरूषों के सानिध्य, आशीर्वाद व सहयोग से ही मेला प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों को पूरा कर पाया। इस दौरान स्वामी विष्णु देवानंद, स्वामी कैलाशानंद, स्वामी आत्मानंद, साध्वी योगी श्रद्धानाथ आदि संत मौजूद रहे।+

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *