अल्मोड़ा(। नगर निगम अल्मोड़ा की कार्यप्रणाली को लेकर कांग्रेस ने मंगलवार को जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपते हुए गहरी नाराजगी जताई। कांग्रेस का कहना है कि नगर निगम गठित हुए छह महीने से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन नगर क्षेत्र में कोई भी ठोस विकास कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया है। ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि 15वें वित्त आयोग की अनिवार्य धनराशि अब तक निगम को प्राप्त नहीं हुई है, जिससे मूलभूत सुविधाओं से जुड़ी कई योजनाएं रुकी पड़ी हैं। वर्ष 2023-24 व 2024-25 की किस्तें अब तक लंबित हैं। कांग्रेस ने कहा कि सभी 40 निर्वाचित पार्षद अपने-अपने वार्डों में जनता की मांगें पूरी न कर पाने को लेकर हताश हैं। पार्टी ने राज्य व केंद्र सरकार से मांग की है कि आवश्यक वित्तीय सहायता शीघ्र जारी की जाए। ज्ञापन में यह भी कहा गया कि पूर्व नगरपालिका परिषद द्वारा नगर की मुख्य बाजार के पुनर्निर्माण हेतु 40 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था, जो अब तक स्वीकृत नहीं हो पाया है। साथ ही पथ प्रकाश व्यवस्था, कोबल स्टोन, शहरी आजीविका केंद्र, सीसीटीवी कैमरा आदि से जुड़े करोड़ों के अन्य प्रस्ताव भी शासन स्तर पर लंबित हैं। कांग्रेस ने इन योजनाओं को शीघ्र लागू कराने की मांग की है। नगर क्षेत्र में निर्माणाधीन पार्किंगों की स्थिति पर भी सवाल उठाते हुए कांग्रेस ने जीजीआईसी के समीप बन रही पार्किंग की गुणवत्ता और जल निकासी की समस्या की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। साथ ही कहा गया है कि नगर निगम की भूमि पर निर्मित इन पार्किंगों का संचालन अधिकार निगम को ही दिया जाए। इसके अलावा ज्ञापन में ई-रिक्शा रूट विस्तार, अटल आदर्श इंटर कॉलेज के लिए सड़क निर्माण, नगर में नई पार्किंग व्यवस्था और कसारदेवी, चितई, कटारमल आदि पर्यटन स्थलों को रोपवे से जोड़ने जैसे सुझाव भी ज्ञापन में शामिल हैं। कांग्रेस ने आशा जताई है कि प्रशासन इन सुझावों और मांगों पर गंभीरता से विचार कर आवश्यक कार्यवाही करेगा, ताकि अल्मोड़ा नगर विकास की राह पर आगे बढ़ सके। ज्ञापन देने वालों में नगर अध्यक्ष तारा चंद्र जोशी, जिला अध्यक्ष भूपेंद्र भोज, भैरव गोस्वामी, पूरन रौतेला, कुंदन भंडारी, जगदीश तिवारी, दिनेश पिलख्वाल, आनंद बिष्ट, तारु तिवारी, गोविन्द मेहरा, वैभव पाण्डेय, चंचल दुर्गापाल, निर्मल रावत, आदि शामिल रहे।