हरिद्वार। सिडकुल स्थित मेट्रो हॉस्पिटल एंड हार्ट इंस्टीट्यूट में करीब 40 लाख रुपये की वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया है। अस्पताल प्रशासन ने पूर्व यूनिट हेड समेत तीन कर्मचारियों पर बायो मेडिकल उपकरणों की चोरी, मरीजों से कैश लेकर गबन और दस्तावेजों में धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। थाना प्रभारी इंस्पेक्टर मनोहर सिंह भंडारी ने बताया कि अस्पताल के कंसल्टेंट एडमिनिस्ट्रेटर जगदम्बा प्रसाद जुयाल ने तहरीर देकर विकास सेठ, निवासी कुचा लातू शाह दरिबा कला चांदनी चौक दिल्ली, रवि चौधरी, निवासी लालपुर जिला बिजनौर और श्याम पाल, निवासी ग्वालियर मध्य प्रदेश के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। आरोप है कि विकास सेठ 17 दिसंबर 2021 से 11 जून 2025 तक मेट्रो हॉस्पिटल में यूनिट हेड के पद पर तैनात रहे। इस दौरान उन्होंने अन्य दोनों कर्मचारियों के साथ मिलकर अस्पताल के बायो मेडिकल विभाग के लाखों रुपये के कीमती उपकरण गायब कर दिए। अस्पताल की बायोमेडिकल इंजीनियर रिहाना खातून ने भी इस मामले में गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि उनकी गैरमौजूदगी में विभाग से बार-बार उपकरणों की चोरी होती रही। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो उन्हें धमकाया गया और झूठे दस्तावेजों पर जबरन हस्ताक्षर करवाए गए। जांच में यह भी सामने आया कि आरोपियों ने आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों से कैश वसूला। पुलिस ने तहरीर के आधार पर विकास सेठ, रवि चौधरी और श्याम पाल के खिलाफ अमानत में खयानत, धोखाधड़ी, धमकी आपराधिक साजिश की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। थाना प्रभारी ने बताया कि मामले में सभी पहलुओं की गहनता से जांच की जा रही है और जल्द आरोपियों को गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।