घंडियाल क्षेत्र में पानी की किल्लत से प्रवासी लौटने को मजबूर

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पेयजल किल्लत को लेकर विभाग और जनप्रतिनिधि गंभीर नहीं
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : घंडियाल क्षेत्र में पानी की भारी किल्लत की वजह से प्रवासी मैदान की ओर लौटने लगे है। हालत यह है कि 30 करोड़ की लगात की चिनवाड़ी पंपिंग योजना भी ग्रामीणों की प्यास नहीं बुझा पा रही थी। ग्रामीणों का आरोप है कि पेयजल किल्लत को लेकर विभाग और जनप्रतिनिधि गंभीर नहीं हैं।
पौड़ी जनपद के अधिक आबादी वाले गांव गढ़कोट घंडियाल बुटली धारी ओलाना, डांगी, बनेख आदि गांवों में भारी मात्रा में प्रवासी भी गांव आ रखे है। ऊपर से आजकल इन गांव में देवी-देवताओं का पूजन आदि कार्य भी चल रहे है। लगातार भीषण गर्मी और जंगलों में लगातार आग की तपस के कारण प्राकृतिक जल स्रोत सुख गए है, वही चिनवाड़ी डांडा पंपिंग योजना का पानी भी ऊंचाई वाले जरूरतमंद गांवों की वजह क्षेत्र के सबसे निचले इलाकों के गांवो में जा रहा है। जहां पहले ही पर्याप्त मात्रा में पानी है। पेयजल किल्लत को लेकर विभाग और जनप्रतिनिधि गंभीर नहीं हैं। युवा समाजसेवी अशीष गुसांई कहते उनके गांव बुटली में पूजा आदि के चलते भारी संख्या में प्रवासी आए है। लेकिन पानी नहीं होने के कारण भंडारा तक स्थगित करना पड़ा। यही हाल गढ़कोट गांव की भी है। जहां भारी संख्या में प्रवासी लोग गांव आए है। वरिष्ठ नागरिक धीरेंद्र सिंह रावत बताते है कि जल संस्थान को एक दिन छोड़ कर टैंकर से पानी आपूर्ति करनी चाहिए। समाजिक कार्यकर्ता जसवीर रावत बताते है कि उनका गांव को तो चिनवाड़ी डांडा और जल संसाधन की पाइप लाइन का पानी मई, जून में आजतक कभी नहीं मिला, पूरा गांव एक हैंडपंप और प्राकृतिक जल स्रोत पर निर्भर है। जल संस्थान का कोई भी अधिकारी पानी की भारी किल्लत को लेकर गंभीर नहीं हैं।

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