जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : नेशनल हाईवे बुआखाल-रामनगर पर पाबौ के कलगड़ी में टूटे मोटर पुल की जगह बुधवार को बैली ब्रिज बनकर तैयार हो गया। बुधवार को एनएच लोनिवि धुमाकोट ने बैली ब्रिज पर हल्के वाहनों की आवाजाही शुरू करवा दी। छोटे वाहनों की आवाजाही शुरू होने से काफी राहत मिल गई है। इससे लोगों को रोजमर्रा की जरूरतों को लेकर किसी तरह की परेशानी भी नहीं होगी। इस बैली ब्रिज का वर्चुवल शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विधिवत शुरूआत की। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि बैली ब्रिज बनने से क्षेत्र के लोगों को राहत मिली है। बैली ब्रिज को बनाने के लिए युद्ध स्तर पर काम किया गया।
बता दें कि यह मोटर पुल बीती 6 अगस्त को जिले में आई भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन की वजह से टूटा था और तब से पाबौ से आगे हाईवे पर आवाजाही बंद पड़ी थी। एनएच के ईई अरुण कुमार के मुताबिक फिलहाल ब्रिज पर हल्के वाहन की अवाजाही शुरू की गई है। एक हफ्ते बाद इस पर भारी वाहन भी चल सकेंगे। इसके लिए अभी काम चल ही रहा है। इस बैली ब्रिज के बनने से लोगों को सुविधा हो गई है। आपदा में जब यह पुल टूटा तो जिले के आपदाग्रस्त गांव सैंजी बौर बुरांशी में भी रेस्क्यू टीमें नहीं पहुंच पाई थी। बाद में थलीसैंण तहसील से टीम बुरांशी गांव पहुंच सकी। वहीं बैली पुल के बनने से अब थलीसैंण से लेकर पैठाणी, चिपलघाट, त्रिपालीसैंण और आगे के सभी ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को जिला मुख्यालय का सफर तय करने में करीब 60 किलोमीटर की दूरी अधिक तय नहीं करनी पड़ेगी। इस मौके पर ब्लाक प्रमुख पाबौ लता रावत सहित पूर्व जिलाध्यक्ष अध्यक्ष मातवर सिंह रावत, मंडल अध्यक्ष विमल नेगी, जिला पंचायत भरत, राजेश्वरी देवी आदि भी मौजूद रहे।