मंत्री ने किया जल पंपिंग योजना का शिलान्यास, विकास कार्यों का निरीक्षण

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27 करोड़ 32 लाख की लागत से बनेगी कैन्यूर थलीसैंण रंडोला जल पंपिंग योजना
जयन्त प्रतिनिधि।
थलीसैंण : स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मंगलवार को उपजिला चिकित्सालय थलीसैंण हेतु चिन्हित भूमि, अस्पताल मार्ग, राजकीय महाविद्यालय थलीसैंण में निर्माणाधीन कार्यों का स्थनीय निरीक्षण किया। मंत्री ने नगर पंचायत कैन्यूर थलीसैंण रंडोला की 27 करोड़ 32 लाख की लागत से बनने वाली जल पंपिंग योजना का भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया गया। साथ ही जिला पंचायत सदस्य वंदना रौथाण के कार्यालय का शुभारंभ किया।
इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल में भर्ती मरीजों का हाल चाल जाना और उपचार व्यवस्थाओं की जानकारी ली। उन्होंने चिकित्सकों को मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के निर्देश दिये। इस अवसर पर क्षेत्र वासियों ने रैली निकाल कर कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत का भव्य स्वागत किया। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धर्न ंसह रावत ने केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी। कहा कि यदि किसी पात्र को उज्जवला गैस कनेक्शन नहीं मिला है तो उन्हें जल्द कनेक्शन दिया जायेगा। कहा कि जिन लोगोें के अभी तक शौचालय नहीं बनें है उन्हें शौचालय बनाने के लिए धनराशि दी जायेगी। मंत्री ने कहा कि क्षेत्र का चहुंमुखी विकास करना पहली प्राथमिकता है।

मंत्री ने जनप्रतिनिधियों को दिया विकास का मंत्र
जयन्त प्रतिनिधि।
थलीसैंण : मंगलवार को थलीसैंण ब्लॉक की बीडीसी बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में जनप्रतिनिधियों ने क्षेत्र की समस्याओं को प्राथमिकता से उठाया। बैठक में कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत सदस्यों को स्मृति चिन्ह एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से कहा कि ब्लॉक स्तरीय पंचायत व्यवस्था के माध्यम से जनता को योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ दिलाएं। जनप्रतिनिधि के रूप में निर्णय लेकर अपने क्षेत्र का विकास करना चाहिए। विकास करना ही जनप्रतिनिधि की जिम्मेदारी है।
ब्लॉक सभागार में आयोजित बीडीसी बैठक में कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत ने सभी जनप्रतिनिधियों को अपने क्षेत्र के विकास करने के बारे में सुझाव दिये। उन्होंने क्षेत्र की समस्याओं के निराकरण के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए मंत्री ने कहा कि आजकल क्षेत्रों में बाघ, भालू आदि जंगली जानवर मानव और पालतू पशुओं को नुकसान पहुंचा रहे हैं, ऐसी जगहों को चिन्हित कर वहां पिंजरा लगाएं। बैठक में मानव वन्य जीव संघर्ष को कम करने एवं ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक रणनीति बनाने पर चर्चा की गई। मंत्री ने स्थानीय स्तर पर जागरूकता बढ़ाने, समयबद्ध राहत कार्य एवं आधुनिक तकनीकों के उपयोग के माध्यम से जंगली जानवरों से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए विभाग को आवश्यक निर्देश दिए।

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