Uncategorized

श्रम मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने की श्रम मंत्रालय छोड़ने की पेशकश

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

देहरादून। उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल और श्रम मंत्री डा हरक सिंह रावत के मध्य छिड़ी रार थमने का नाम नहीं ले रही है। सत्याल को हटाने की मांग पर अड़े रावत ने अब श्रम मंत्रालय ही छोड़ने की पेशकश कर दी है। रावत के मुताबिक वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आग्रह कर चुके हैं कि यदि सत्याल अधिक काबिल हैं, तो उन्हें ही श्रम मंत्री बना दिया जाए। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष की जिम्मेदारी श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ही देख रहे थे। पिछले साल अक्टूबर में तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल में हरक से यह जिम्मा वापस लेते हुए श्रम संविदा बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल को कर्मकार कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष बना दिया गया। सत्याल, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के करीबी माने जाते हैं। तब से श्रम मंत्री और बोर्ड के अध्यक्ष सत्याल के बीच तलवारें खिंची हुई हैं। दोनों के मध्य जुबानी जंग छिड़ी है और वे एक-दूसरे के कदमों को नियम विरुद्ध करार देने से भी नहीं चूक रहे। जाहिर है इस विवाद के कारण बोर्ड के कार्यों पर भी असर पड़ रहा है। सरकार में मार्च में हुए नेतृत्व परिवर्तन के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के कार्यकाल में बोर्ड की सचिव को बदल दिया गया था। इस पर मौजूदा बोर्ड ने सचिव को हटाने की संस्तुति कर दी, जिस पर श्रम मंत्री ने कड़ी आपत्ति जताई। यही नहीं, चार दिन पहले ही सत्याल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर बोर्ड के गठन से लेकर अब तक की वस्तुस्थिति से अवगत कराया था। श्रम मंत्री रावत लगातार ही सत्याल को हटाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन इस पर अभी तक कोई निर्णय सरकार ने नहीं लिया है। इससे खफा रावत ने फिर से सत्याल के खिलाफ मोर्चा खोला है। रविवार को मीडिया से बातचीत में उन्होंने श्रम मंत्रालय छोडऩे की पेशकश किए जाने की जानकारी दी। रावत ने बताया कि हाल में उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर कहा कि उनसे श्रम मंत्रालय हटाते हुए सत्याल को ही श्रम मंत्री बना दिया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि वह पूर्व में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व तीरथ सिंह रावत से भी यही बात कह चुके थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!