लापता नेपाली मजदूरों का चार दिन बाद भी नहीं चला पता

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जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : जनपद पौड़ी गढ़वाल की थलीसैंण तहसील के बाकुंडा में बीती 6 अगस्त से लापता 5 नेपाली मजदूरों का चार दिन बाद भी कोई पता नहीं पाया। पुलिस व एसडीआरएफ की टीम विगत छ: अगस्त से लगातार सर्च अभियान चला रही है, लेकिन अभी तक मजदूरों का पता नहीं चल पाया है। थलीसैंण तहसील मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर यह ऑपरेशन चल रहा है। गदेरे के साथ आया भारी मलबा की वजह से भी सर्च अभियान में जुटी टीम को काफी समय लग रहा है।
लापता इन मजदूरों की खोजबीन के लिए शनिवार को अल्मोड़ा पुलिस व एसडीआरएफ की टीम ने सर्च अभियान चलाया। इस दौरान टीम ने मौके से लेकर पूरे गदेरे में लापता मजदूरों की खोज की। बीती 6 अगस्त को बाकुंडा गांव के ऊपर से गदेरे में आए भारे मलबे और पानी के बहाव में जगतपुरी-देहघाट मोटरमार्ग के किनारे बाकुंडा में लगे नेपाली डेरा बह गया था। तभी से ये मजदूर भी लापता चल रहे है। क्षेत्र की खस्ता हाल सड़कों को खोलने में लोनिवि जुड़ा हुआ है। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि लापता पांच मजदूरों की खोजबीन में अल्मोड़ा पुलिस के साथ ही एसडीआरएफ की टीम सर्च अभियान चला रही है। गेदेरे से पानी के तेज बहाव में इन मजदूरों के बिनो नदी के बहाव में बहने की आशंका भी जताई जा रही है। नदी थलीसैंण से कुमाउं की तरफ बहकर जाती है। लापता मजदूरों में नरेंद्र बहादुर खटका, उनकी पत्नी संध्या खटका, उनका बेटा रोमन खटका सहित अमृता परिहार और विमल शामिल हैं।

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