नई टिहरी : अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन समन्वय समिति ने वर्षों पुराने श्रम कानूनों के स्थान पर लाए गए 4 श्रम कानूनों को रद्द करने, न्यूनतम वेतन 26 हजार करने समेत 8 सूत्री मांगों के निराकरण को लेकर प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा। उन्होंने कहा कि देश की वर्तमान मोदी सरकार श्रमिक हितों के कुचलने का काम कर रही है। जिससे श्रमिकों की रोजी रोटी का खतरा मंडरा रहा है। बुधवार को ट्रेड यूनियन के संयोजक चिंतामणी थपलियाल, राजेश चमोली, श्रीपाल चौहान ने डीएम के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा। उन्होंने ज्ञापन में केंद्र और राज्य सरकार के कर्मियों के लिए नई पेंशन योजना का रद कर पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने, बैंक, बीमा, पोस्टल, रेलवे, बिजली समेत अन्य उपक्रमों के निजीकरण पर रोक लगाने, आंगनवाड़ी, आशा, भोजन माता को राज्य कर्मचारी घोषित करते हुए न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपये कर उन्हें सामाजिक सुरक्षा, पेंशन का लाभ देने, बढ़ती महंगाई पर रोक लगाने, गैस, पेट्रोल, डीजल के दामों को कम करने की मांग की। कहा कि जल्द मांगों का निराकरण न होने पर सभी यूनियनें एक साथ आकर देशव्यापी आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगी। (एजेंसी)