मां बनना चाहती है मौत से जंग लड़ रहे कोरोना मरीज की पत्नी, कोर्ट ने स्पर्म सुरक्षित रखने का दिया आदेश
अहमदाबाद। गुजरात हाई कोर्ट ने वडोदरा के एक अस्पताल को कोरोना वायरस से गंभीर रूप से संक्रमित एक व्यक्ति के स्पर्म के नमूने श्आईवीएफ असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलजी (एआरटी) प्रक्रिया के लिए एकत्र करने का निर्देश दिया है, क्योंकि मरीज की जान बचने की उम्मीद बेहद कम है और उसकी पत्नी उसके बच्चे की मां बनना चाहती है।
अदालत ने इसे एक असाधारण स्थिति मानते हुए मंगलवार को मामले में आदेश सुनाया। मरीज की पत्नी की याचिका पर तत्काल सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति जे़ शास्त्री ने वडोदरा के एक अस्पताल को श्आईवीएफ-असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलजी (एआरटी) प्रक्रिया के लिए मरीज के नमूने एकत्र करने और चिकित्सकीय सलाह के अनुसार इसे उचित स्थान पर रखने का निर्देश दिया।
मरीज की पत्नी के वकील निलय पटेल ने कहा कि याचिकाकर्ता आईवीएफ-एआरटी प्रक्रिया के जरिए उसके बच्चे की मां बनना चाहती हैं, लेकिन अस्पताल इसकी अनुमति नहीं दे रहा, इसलिए उसे अदालत का रुख करना पड़ा। अदालत ने कहा, एक असाधारण महत्वपूर्ण स्थिति को देखते हुए अभी के लिए अंतरिम राहत दी जाती है और यह राहत याचिका की सुनवाई पूरी होने के बाद आने वाले फैसले के अधीन होगी।