झारखंड में मिला मंकीपाक्स का मरीज, सात वर्षीय बच्ची में दिखे लक्षण, गढ़वा सदर अस्पताल में भर्ती
गढ़वा, एजेंसी। झारखंड के गढ़वा शहर के टंडवा मोहल्ले की एक सात वर्षीय बालिका में मंकी पाक्स के लक्षण पाए गए हैं। बालिका को सदर अस्पताल के एक वार्ड में अगल रखकर इलाज किया जा रहा है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक मंकीपाक्स होने की पुष्टि नहीं की है। लेकिन बच्ची के शरीर में मंकीपाक्स से मिलते जुलते लक्षण होने की बात कही जा रही है। उसके शरीर पर छाले होने, दर्द व कई अन्य लक्षण बताए जा रहे हैं। इस संबंध में जिला महामारी विशेषज्ञ डा़संतोष कुमार मिश्र ने बताया कि जिला सर्विलांस टीम बीमार बालिका की स्थिति पर नजर रखे हुए है। फिलवक्त सदर अस्पताल में एक वार्ड में रखकर उसका इलाज किया जा रहा है।
जिला महामारी विशेषज्ञ डा़संतोष कुमार मिश्र ने कहा कि बच्ची को एंटीबायोटिक्स दवाएं दी जा रही हैं। साथ ही छाले जैसे घावों की साफ-सफाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि आइसीएमआर एनआइवी पुणे में बीमार बालिका का पोलिमरेज चेन रिएक्शन, ब्लड जांच, सीरम जांच व घाव के इर्द गिर्द की परत के नमूने लेकर भेजा जाएगा। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट तौर पर कुछ कहा जा सकता है। उन्होंने बताया कि बालिका का कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है। बालिका की मां स्वास्थ्य विभाग से संबंधित है। बीमार बालिका में मंकीपाक्स से मिलते जुलते लक्षण के कारण उसके परिवार वालों ने सदर अस्पताल में लाकर भर्ती कराया। वह चार दिनों से बीमार है। तब उसके लक्षण के आधार पर इलाज व जांच की प्रक्रिया शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि मंकीपाक्स का वायरस टूने के बाद ही एक-दूसरे में ट्रांसफर होता है। वायरस हवा से नहीं फैलता है। फिर भी सावधानी बरतने की जरूरत है।
गढ़वा सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डा़कमलेश कुमार ने कहा कि बरसात में इस तरह की बीमारियां हो जाती हैं। बालिका सदर अस्पताल में इलाजरत है। इसमें पैनिक होने की जरूरत नहीं है। चूंकि बालिका का कोई ट्रेवल हिस्ट्री भी नहीं है, तो फिर मंकीपाक्स का वायरस उसमें कहां से आएगा। फिर भी सैंपल की जांच रिपोर्ट आने के बाद सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।