तबाही के बाद धीमा पड़ा मानसून, पहली सितंबर तक प्रदेश में बारिश का अलर्ट नहीं
शिमला, एजेंसी। हिमाचल में बारिश से अब लोगों को राहत मिली है। प्रदेश में मानसून धीमा हो गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने अनुमान लगाया है कि प्रदेश में पहली सितंबर तक भारी बारिश की कोई संभावना नहीं है। हालांकि इस दौरान प्रदेश में कहीं-कहीं बारिश की हल्की बौछारें गिर सकती हैं, लेकिन भारी बारिश के कोई आसार नहीं है और 30 व 31 अगस्त को मौसम पूरी तरह से साफ रहेगा। इन दो दिनों में प्रदेश में धूप खिलने का पूर्वानुमान जताया गया है। वहीं हिमाचल में मानसून कब तक रहेगा, इस पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि एक सप्ताह के बाद इस बारे में स्पष्ट होगा कि मानसून हिमाचल को कब अलविदा कहेगा। इस बार मानसून ने हिमाचल प्रदेश को गहरे जख्म दिए हैं।
प्रदेश में भारी बारिश के कारण तबाही का मंजर देखने को मिला है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में मानसून के दौरान हुई दुर्घटनाओं में कुल 376 लोगों की मौत हुई है। इनमें से 141 मौतें केंद्र सरकार की ओर से अधिसूचित आपदाओं में हुई हैं। इनमें भू-स्खलन, बाढ़ व बादल फटने की घटनाएं शामिल हैं। 235 मौतें राज्य सरकार की ओर से अधिसूचित आपदाओं में हुई हैं। इनमें सडक़ हादसे, आग लगने की घटनाएं, डूबने की घटनाएं, बाढ़, बादल फटने समेत कई अन्य दुर्घटनाएं शामिल हैं। इसके अलावा 349 लोग घायल हैं और 40 लोग लापता हैं। इस बीच बारिश और बाढ़ के बाद भी प्रदेश में हालात अभी सुधरे नहीं हैं। सबसे बड़ी चुनौती कुल्लू जिला के लिए मुख्य मार्ग बहाली रही है। शनिवार को चंडीगढ़ मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर 12 अगस्त मंडी पंडोह के बीच बंद हुए एनएच पर 14 दिनों की कड़ी मेहनत के बाद प्रशासन व एनएचएआई ने सिंगल लेन टै्रफिक बहाल कर दिया है। शनिवार को देर शाम 14 दिनों के लंबे अंतराल के बाद आंशिक रूप से मार्ग को बहाल किया जा सका। वहीं इससे पहले पांच दिनों बाद पंडोह डैम के पास कैंची मोड़ पर अस्थाई मार्ग को यातायात के लिए बहाल किया गया, जिसके बाद कुल्लू की तरफ से छोटे सैकड़ों वाहनों को पंडोह से चैलचौक होकर निकाला गया। एक और मुख्य वैकल्पिक मार्ग मंडी-कटौला भी बंद है और कुल्लू व लाहुल-स्पीति में आवश्यक वस्तुओं की कमी महसूस होने लगी है। पेट्रोल-डीजल बड़ी मुश्किल से मिल रहा है। उधर, नालागढ़ की रामशहर तहसील के तीन गांव लगातार धंस रहे हैं। यहां जमीन के साथ-साथ ज्यादातर घरों में दरारें आ चुकीं हैं।
गांव जागली, जगनी व पोले दा खाला बुरी तरह प्रभावित हैं। शिमला में रातभर भयंकर बारिश से नालागढ़-रामशहर-शिमला सडक़ का 300 मीटर हिस्सा बंट गया है। कांगड़ा में बहे जेई का शव शनिवार को तीसरे दिन नंदपुर भटोली में बरामद हुआ है। बिलासपुर में भू-स्खलन के चलते एक प्रवासी महिला मजदूर की दबने से मौत हो गई है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश को अब तक कुल 8,604 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा नुकसान लोक निर्माण विभाग का आंका गया है। लोक निर्माण विभाग को 2913 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। जलशक्ति विभाग को 2115 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। बिजली बोर्ड को 1738 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। बागबानी विभाग को 173 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। शहरी विकास विभाग को 88 करोड़, शिक्षा विभाग को 118 करोड़, ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़, मत्स्य विभाग को 13 करोड़, स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड़ और अन्य विभागों को 121 करोड़ का नुकसान हुआ है।
प्रदेश सरकार के फैसले के बाद ब्यास नदी के बेसिन में स्थित स्टोन क्रशरों को माइनिंग और क्रशिंग रोकने को नोटिस जारी हो गए हैं। संबंधित जिलों के माइनिंग अधिकारी ये नोटिस जारी कर रहे हैं। सरकार ने डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत ब्यास बेसिन में पेरेन्नियल यानी चिरस्थायी और अन्य सहयोगी नदियों में स्टोन के्रशर रोकने के आदेश दिए हैं।