देहरादून()। साइबर ठगों ने चार लोगों को 24 लाख रुपये से अधिक चूना लगा दिया। सभी शिकायतों पर संबंधित थानों में मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। ठगी एक- जीवन प्रमाण पत्र का झांसा दे 10 लाख ठगे शीशपाल सिंह निवासी न्यू गांधीग्राम की शिकायत पर शहर कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज किया। उन्होंने पुलिस को दी तहरीर में कहा कि बीते 23 नवंबर को एक अज्ञात मोबाइल नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को पीएनबी अधिकारी बताया। पीड़ित को कहा कि उनका जीवित प्रमाण पत्र अपडेट होना है। इसके लिए कुछ जानकारी के बहाने मोबाइल पर एक एपीके फाइल डाउनलोड कराई। उसके जरिए पीड़ित के बैंक खातों की जानकारी हासिल कर उससे दस लाख रुपये उड़ा लिए। शहर कोतवाल प्रदीप पंत ने बताया कि शिकायत पर केस दर्ज कर जांच की जा रही है।
केस 02 :- ऑनलाइन टास्क से कमाई के झांसे में सात लाख गंवाए
ऑनलाइन टास्क पूरे कर कमाई के झांसे में नथुवावाला निवासी प्रियांशी नेगी ने 7.03 लाख रुपये गंवा दिए। पुलिस को दी शिकायत में कहा कि बीते 29 नवंबर को व्हाट्सएप एक अनजान नंबर से मैसेज आया। उसने ऑनलाइन नौकरी का लालच दिया। इसके बाद पीड़िता ने अपने कुछ दस्तावेज भेजे। शुरुआत में ऑनलाइन साइटों पर प्रोडक्ट की रेटिंग कराई। इसमें कुछ रुपये मिले। इसके बाद रकम जमा करने के टास्क में घेरा और पीड़िता से लाखों रुपये की ठगी कर ली। एसओ रायपुर गिरीश नेगी ने बताया कि शिकायत पर केस दर्ज कर जांच की जा रही है।
केस 03:- बैंक अधिकारी बनकर ₹4.12 लाख ठगे
रायपुर निवासी धीरेंद्र नाथ द्विवेदी को बैंक अधिकारी बनकर साइबर ठग ने 4.12 लाख रुपये का चूना लगा दिया। बताया कि वह बीते चार दिसंबर को फेसबुक चला रहे थे। इस दौरान इंडसइंड बैंक ऑफर की एक पोस्ट दिखी। उस पर क्लिक किया तो पीड़ित को व्हाट्सएप पर मैसेज आया। मैसेज करने वाले ने खुद को बैंक अधिकारी बताकर पीड़ित से बैंक खाते से जुड़े दस्तावेज मांगे। इसके बाद पीड़ित के बैंक खाते से रकम ट्रांसफर हुई। एसओ रायपुर गिरीश नेगी ने बताया कि शिकायत पर साइबर ठगी की धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
केस 04:- दुर्घटना के बहाने लगाया 2.02 लाख रुपये का चूना
दुर्घटना के चलते अस्पताल भर्ती होने का झांसा देकर साइबर ठग ने सरस्वती ठाकुर निवासी सहस्रधारा रोड को 2.02 लाख रुपये का चूना लगाया। सरस्वती ने पुलिस को दी तहरीर में कहा कि एक दिसंबर को अनजान नंबर से फोन आया। जिसने खुद को परिचित बताया। झांसा दिया कि वह अस्पताल में भर्ती है और यूपीआई काम नहीं कर रहा है। कहा कि उनके खाते में कुछ रकम भेज रहा है। उसे उसके बताए यूपीआई खाते में जमा करने को कहा। उसने पीड़िता के खाते में 2.02 लाख रुपये ट्रांसफर करने के दो स्क्रीन शॉट भेजे। पीड़िता ने विश्वास कर अपने बैंक खाते से आरोपी के बताई यूपीआई आईडी में यह रकम ट्रांसफर कर दी। इसके बाद खाते में रकम जमा नहीं हुई तो ठगी का पता लगा। एसओ रायपुर गिरीश नेगी ने बताया कि शिकायत पर केस दर्ज कर जांच की जा रही है।