मोरेटोरियम पर सुको ने केन्द्र से कहा- आपके हाथों में आम लोगों की दिवाली
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई मोरेटोरियम स्कीम के तहत 2 करोड़ रुपये तक लोन पर ब्याज की टूट मामले में कहा कि सरकार को इसे जल्द से जल्द लागू करना चाहिए। क्योंकि, उधार लेने वालों से यह उम्मीद नहीं की जाएगी कि वह इसके लिए एक महीने का इंतजार करे। कोर्ट ने आगे कहा कि आम लोगों की दिवाली सरकार के हाथों में है।
सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से कहा- आम लोगों की दिवाली आपके हाथों में है। केन्द्र ने पिछले शनिवार को दायर हलफनामे में कहा था कि सरकार को 15 नवंबर तक के समय की आवश्यकता है ताकि ब्याज में टूट पर औपचारिक ऐलान किया जा सके।
केन्द्र की तरफ से अपना जा रहे ऐसे तरकीबों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए जस्टिस अशोक भूषण में अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा, आपने जो फैसला लिया है वह लाभार्थियों तक पहुंचना चाहिए। आपने 2 अक्टूबर को चक्रवृद्घि ब्याज पर टूट का ऐलान किया था लेकिन इस बारे में बैंकों को कोई दिशा-निर्देश नहीं जारी किए गए। आपके फैसले के बावजूद आम लोगों बैंकों की तरफ से ब्याज पर ब्याज लगने को लेकर चिंतित हैं। इस काम में इतना लंबा वक्त क्यों लगना चाहिए, ऐसा लगता है कि आप जानबूझकर पूरी चीजों को देरी कर रहे हैं।
इससे पहले, भारतीय रिजर्व बैंक ने लोन मोरेटोरियम मामले में सुप्रीम कोर्ट में नया हलफनामा दायर किया था। हलफनामे में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित क्षेत्र को अधिक राहत देना संभव नहीं है। बैंक ने यह भी कहा है लोन मोरेटोरियम को छह महीने से आगे बढ़ाना संभव नहीं है।
आरबीआई ने कहा छह महीने से अधिक की लंबी लोन मोरेटोरियम भी उधारकर्ताओं के क्रेडिट व्यवहार को प्रभावित कर सकती है। इसके परिणामस्वरूप समग्राण अनुशासन को समाप्त किया जा सकता है, जिसका अर्थव्यवस्था मेंाण निर्माण की प्रक्रिया पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। इससे छोटे उधारकर्ताओं पर ज्यादा असर पड़ सकता है, क्योंकि औपचारिकाण देने वाले चौनलों तक उनकी पहुंच क्रेडिट संस्ति पर निर्भर है।