उत्तरकाशी। टौंस नदी और केदार गंगा के संगम पर बसे मोरी बाजार समेत तहसील मुख्यालय के अस्तित्व पर कटाव से खतरा मंडरा रहा है। यहां बरसात में टौंस नदी, केदार और सुख गदेरे के जलस्तर में बढ़ोतरी से कटाव की समस्या बनी है। जिस कारण कई सरकारी प्रतिष्ठिान भी खतरे की जद में आ गये हैं। समय पर सुरक्षा के इंतजाम न होने पर भविष्य में यहां भारी नुकसान हो सकता है। स्थानीय लोगों ने शासन प्रशासन से शीघ्र ही सुरक्षा उपाय करने की मांग की है। मोरी तहसील के एक ओर टोंस नदी बहती है और दूसरी तरफ केदार गंगा बह रही है। जबकि मोरी बाजार के बीचोंबीच सुख गदेरा बहता है। मौजूदा समय में बरसात में इन नदियों का जलस्तर बढ़ने से कटाव की समस्या बनी है। इस बार बारिश से टौंस में अधिक कटाव हुआ है। जिससे राजकीय इंटर कालेज, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र , महाविद्यालय सहित मोरी बाजार को खतरा बना हुआ है। कटाव हर दिन बढ़ रहा है। ऐसे में बरसात के दौरान जलस्तर बढ़ने पर मोरी का अस्तित्व खतरे से खाली नहीं है। मोरी के व्यापारी राजेंद्र सिंह रावत, विपिन चौहान, संजय सिंह, प्रहलाद सिंह आदि ने बताया कि बरसात में मोरी टौंस केदार गंगा और बाजार के बीचोंबीच खड्ड में अत्यधिक पानी आने से भय बना रहता है। उन्होंने जिला प्रशासन और विभाग से शीघ्र ही सुरक्षा इंतजामों की मांग की है। वहीं, सिंचाई विभाग के अवर अभियंता सुभाष नौटियाल ने बताया कि टौंस नदी पर वर्ष 2013-14 में सुरक्षात्मक कार्य हुए हैं। केदार गंगा में सुरक्षात्मक कार्य गत वर्ष हुए हैं। केदार गंगा के छूटे हुए हिस्से में सुरक्षा को लेकर प्राक्कलन शासन को भेजा गया है। धन मिलते ही केदार गंगा में निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। साथ ही बाजार के बीचोंबीच खड्ड से सुरक्षा को लेकर भी प्राक्कलन शासन को भेजे जा रहे हैं।