नबालिग के विवाह संबंधी मामले में मां व बेटे हुए दोषमुक्त
जयन्त प्रतिनिधि ।
कोटद्वार : नाबालिग के विवाह संबंधी एक मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने मां व बेटे को दोषमुक्त करार दिया है। मामला सितंबर-2015 का है।
तीन सितंबर 2015 को भाबर क्षेत्र निवासी एक किशोरी ने पुलिस को तहरीर देते हुए स्वयं की उम्र 15 वर्ष बताया। किशोरी का आरोप था कि उसकी मां ने पैसों की खातिर उसे बिजनौर निवासी एक युवक को बेच दिया। उसका कहना था कि वह किसी तरह युवक के चंगुल से भागकर वापस घर पहुंची। लेकिन, उसकी मां ने पुन: उसे नशीला पदार्थ खिला बेहोशी की हालत में उक्त युवक के घर छोड़ दिया। किशोरी का कहना था कि रक्षा बंधन पर वह उक्त युवक के साथ घर वापस आई व तहरीर देने को घर से चुपचाप बाहर निकल आई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। जांच के बाद पुलिस ने जनपद बिजनौर के अंतर्गत थाना धामपुर के अंतर्गत ग्राम शेखपुरा निवासी ऋषिपाल उर्फ शोलू और मुनेश देवी को आरोपित बताया। जिसके बाद पांच नवंबर 2015 को ऋषिपाल और चार अप्रैल 2016 को मुनेश देवी ने आत्मसमर्पण कर दिया। हालांकि, बाद में दोनों को जमानत मिल गई। पुलिस ने 10 मई 2023 को मामले में आरोप पत्र दाखिल किए। जिसके बाद से अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में मामले की सुनवाई चल रही थी। बचाव पक्ष के अधिवक्ता अनूप खंतवाल ने बताया कि मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से दो गवाह प्रस्तुत किए गए। लेकिन, अभियोजन पक्ष आरोपों को सिद्ध करने में नाकाम रहा। जिसके बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने ऋषिपाल व मुनेश देवी को दोषमुक्त करार दिया।