मुखबा से गंगोत्री मंदिर चली मां गंगा की उत्सव डोली
उत्तरकाशी। मुखबा गांव में छह माह तक शीतकालीन प्रवास करने के बाद गुरुवार को मां गंगा की उत्सव डोली गंगोत्री मंदिर के लिए रवाना हो गई। डोली को पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ सवा मन (50 किलो) कलेऊ (स्थानीय पकवान) देकर दोपहर 12:25 पर मुखबा के ग्रामीणों ने मां गंगा को विदाई दी। शुक्रवार को अक्षय तृतीया पर्व पर शुभ मुहूर्त में वैदिक मंत्रोचारण के साथ ठीक 12:25 पर विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री मंदिर के कपाट देश-विदेश के श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे।गुरुवार को मुखबा गांव में सुबह से ही मां गंगा की विदाई की तैयारियां शुरू हो गई थीं। सुबह विशेष पूजा-अर्चना और आरती के बाद गंगा की उत्सव डोली को सजाया गया। इसके बाद तय मुहूर्त के अनुसार 12:20 बजे मां गंगा की उत्सव डोली आर्मी बैंड एवं स्थानीय वाद्य यंत्रों की धुन पर मुखबा से गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई। गंगा की डोली यात्रा में मुखबा, धराली, हर्षिल समेत उपला टकनौर के ग्रामीणों सहित उत्तरकाशी के लोग और तीर्थयात्री शामिल हुए। मार्कण्डेयपुरी स्थित दुर्गा मंदिर में पहुंचने के बाद मां गंगा के साथ भक्तों ने अल्प विश्राम किया। मुखबा के प्राचीन पैदल यात्रा पथ से होते हुए डोली जांगला पुल के पास पहुंची। जहां से मां गंगा सनातनी फाउंडेशन की ओर से भेंट किए गए गंगा रथ पर सवार हुई और शाम को भैरों घाटी पहुंची। यहां भंडारे के साथ रात्रि जागरण की व्यवस्था की गई है। यहां पूरी रात भजन-कीर्तन किया जाएगा। मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल और दीपक सेमवाल ने बताया कि शुक्रवार को तड़के डोली यात्रा गंगोत्री के लिए रवाना होगी। जहां विधिवत पूजा अर्चना और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ 12:25 बजे गंगोत्री मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। इस मौके पर गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष हरीश सेमवाल, सचिव सुरेश सेमवाल, वासुदेव, समेश, मदरांचल, दिनेश सेमवाल, हरदीप शरन, सूर्या सेमवाल, निखिलेश, सुरेश, महेश सेमवाल, राजेश सेमवाल सहित पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण, राजेन्द्र गंगाडी, एसडीएम बृजेश कुमार तिवारी, सीडीओ जय किशन आदि मौजूद रहे।