देहरादून(। माता-पिता के बीच विवाद में एक नाबालिग पुत्र पर हमला किया गया। हमले का आरोप बेटे की मां पर लगा है। इस घटना के बाद से बच्चा क्षुब्ध है। एयरफोर्स अधिकारी पिता को बच्चे को काउंसलिंग के लिए उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग लाना पड़ा है। दो बार की सुनवाई में मां अभी तक एक भी बार सुनवाई में नहीं पहुंची है। बाल आयोग ने इस मामले में पुलिस को रिपोर्ट दर्ज कारवाई के निर्देश दिए हैं। यह मामला ऋषिकेश का है। ऋषिकेश निवासी एयरफोर्स अधिकारी का विवाह के 15 साल तक दोनों का वैवाहिक जीवन अच्छा चला। दोनों के दो बेटे भी हुए।
दोनों ने कई शहरों में प्रापर्टी खरीदी, ऋषिकेश में काफी पुश्तैनी जमीन भी युवक के हिस्से आई। पांच साल पहले महिला एक प्रापर्टी डीलर के संपर्क में आई। आरोप है कि उसके कहने पर महिला ने प्रापर्टी का बड़ा हिस्सा बेच दिया और अपने बड़े बेटे को लेकर पति से अलग दक्षिणी राज्य स्थित अपने मायके चली गई। छोटा बेटा पति के पास ही रहने लगा। तीन हफ्ते पहले ऋषिकेश स्थित दुकान पर कब्जाने की नीयत से कुछ लोगों ने हमला किया।आरोप है कि भी महिला भी दौरान मौजूद थी। उस समय छोटा बेटा दुकान पर बैठा था। मां के साथ आए लोगों का रौद्र रुप देखकर बच्चा विचलित हो गया। आरोपी पक्ष डीवीआर भी ले गया। पिता ने इस हमले की सूचना पुलिस को भी दी। बाल आयोग अध्यक्ष ने ऋषिकेश पुलिस को मामले की जांच कर मुकदमा दर्ज करने को कहा है।
बेटा इस बात से बेहद क्षुब्ध है कि दुकान पर हुआ हमला उसकी मां ने कराया था। हमने मनोवैज्ञानिक ने उसकी काउंसलिंग कराई है। पिता की तरफ से शिकायत मिलने के बाद बाल आयोग ने सुनवाई शुरू कर दी है। अब तक हुई दो सुनवाई में मां के पक्ष से कोई नहीं आया। जबकि आयोग की ओर से महिला को फोन भी किया गया है। – डॉ.गीता खन्ना, अध्यक्ष उत्तराखंड बाल अधिकारी संरक्षण आयोग।