मवेशियों के टीकाकरण अभियान की चाल सुस्त

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अल्मोड़ा। मवेशियों को खुरपका-मुंहपका रोग (एफएमडी) से बचाने के लिए पशुपालन विभाग की ओर से पिछले सितंबर से टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। सात माह में 2.27 के सापेक्ष 1.66 लाख मवेशियों का ही टीकाकरण विभाग करा सका है। 61 हजार मवेशियों के पालकों को अभी टीकाकरण का इंतजार है। जून द्वितीय पखवाड़े से इस रोग के बढ़ने की आशंका ज्यादा रहती है। 35 चिकित्सालयों से सेवित इन मवेशियों को विभाग की ओर से टीका लगाने का अभियान पिछले वर्ष 23 सितंबर से शुरू किया गया था। अब तक जिले के हवालबाग, ताकुला, द्वाराहाट, चौखुटिया, भिकियासैंण, स्याल्दे, सल्ट, लमगड़ा, ताड़ीखेत, भैसियाछाना व धौलादेवी में मात्र 1.66 लाख मवेशियों को ही टीका लगाया जा सका है। बाकी 61 हजार जिन मवेशियों को यह टीका नहीं लगाया गया है, उनके पशुपालक इन दिनों परेशान हैं। उत्तराखंड संसाधन पंचायत के ईश्वरी दत्त जोशी ने पशुपालन विभाग से सभी मवेशियों को टीका लगाए जाने की मांग उठाई है। ताकि पशुपालकों की चिता दूर हो सके।
क्या है खुरपका-मुंहपका रोग: यह मवेशियों में लगने वाला गंभीर रोग है, जो बारिश के मौसम में सर्वाधिक फैलता है। इस रोग से मवेशी काफी सुस्त हो जाता है। कभी-कभी जानवर की मौत तक हो जाती है।
पशुपालकों की बेहतरी के प्रति विभाग सजग है। पहले चरण में सितंबर से नवंबर तक चले अभियान में 1.66 लाख मवेशियों को टीका लगाया जा चुका है। सरकार के निर्देशों के तहत जल्द दूसरे चरण का अभियान चलाकर लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। -डा. रवींद्र चंद्रा, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी

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